गोखरू और कौंच के बीज के फायदे सम्मिलित में जाने क्या हैं ?

गोखरू और कौंच के बीज के फायदे: आयुर्वेदिक मेडिसन के फायदे और नुकसान के बारे में बहुत कन्फ्यूजन रहता है। OTC मेडिसन होने की वजह से कोई भी इसे उतना सीरियस नहीं लेता जितना एलोपैथी मेडिसन को लिया जाता है। आयुर्वेदिक मेडिसिन की बात करें तो जड़ी बूटियां, रस रसायन, अर्क, भस्म, पाउडर आदि बहुत सारे प्रारूप हैं जिनका उपयोग भिन्न भिन्न हेल्थ कंडीशंस में किया जाता है। यहां पर हम बात करेंगे गोखरू और कौंच के बीज फायदे की। Dr. बत्रा जी जो दिल्ली में एक जाने माने आयुर्वेदिक एक्सपर्ट है, ने इसे बहुत ही साधारण भाषा में समझाया है।

गोखरू और कौंच के बीज के फायदे क्या हैं?

ये दोनो ही जड़ी बूटियां बहुत प्रभावशाली मेडिसिन के रूप में उपयोग में लाई जाती हैं। नॉर्मल सप्लीमेंट से लेकर सीरियस मेडिसिन तक हर दवा में इनका उपयोग गुणों के आधार पर किया जाता है। गोखरू और कौंच के बीज के फायदे जानने से पहले इन दोनो जारी बूटियों के बारे में बेसिक नॉलेज होना बहुत जरूरी है।

गोखरू: गोखरू एक जड़ी बूटी है जिसका इस्तेमाल आयुर्वेद में कई तरह के रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। इसका वानस्पतिक नाम ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस है. गोखरू का पौधा भारत, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड, चीन, जापान, कोरिया, वियतनाम, कंबोडिया, लाओस, मॉरीशस और दक्षिण अफ्रीका में पाया जाता है।

गोखरू में कई तरह के औषधीय गुण होते हैं। यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है और यह कई तरह के सूजन को कम करने में मदद करता है। गोखरू में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने के गुण भी होते हैं। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों में यौन इच्छा को बढ़ाने में मदद करता है। आयुर्वेद में इसका उपयोग निम्न रोगों के लिए किया जाता है:

  • यौन कमजोरी
  • बांझपन
  • प्रोस्टेट कैंसर
  • मधुमेह
  • हृदय रोग
  • उच्च रक्तचाप
  • अस्थमा
  • एलर्जी
  • त्वचा रोग
  • पाचन समस्याएं
  • मूत्राशय और गुर्दे के रोग

गोखरू का इस्तेमाल आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है, लेकिन कुछ लोगों को इससे कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।

कौंच के बीज: इन्हे शक्तिशाली जड़ी बूटी के रूप में जाना जाता है। इनका उपयोग अधिकतर पुरुषों को होने वाली यौन कमजोरियों के लिए किया जाता है। इसे कप्पीकच्छू के नाम से भी जाना जाता है। इसमें बहुत पावरफुल rejuvenating प्रॉपर्टीज होती है जिसकी वजह से इसे सबसे शक्तिशाली जड़ी बूटी माना जाता है।

आयुर्वेद में कौंच के बीज को बॉडी के पोषण और पुनर्जीवन के स्रोत के रूप में पहचाना जाता है, जो संतुलित एनर्जी प्रदान करने वाला और कामोद्दीपक है। इसका उपयोग निम्न रोगों में अधिक किया जाता है:

  • रिप्रोडक्टिव हेल्थ के लिए
  • इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लिए
  • वीर्य विकारों में
  • शारीरिक ताकत के लिए
  • डाइजेशन के लिए
  • फर्टिलिटी प्रॉब्लम्स में
  • शुक्र विकारों में

गोखरू और कौंच के बीज के फायदे एक साथ खाने पर

अब जो सबसे बड़ा सवाल जो हर कोई पूछता है कि अगर गोखरू और कौंच के बीज का सेवन एक साथ किया जाए तो इसके क्या फायदे होंगे। इस सवाल का जवाब डॉक्टर बत्रा जी ने बताया की ये दोनो ही जड़ी बूटियां बहुत पावरफुल है। पुरुष महिला और बुजुर्ग सभी इसका सेवन कर सकते हैं। सेहत बनाए रखने के लिए और कमजोरी दूर करने के लिए इन दोनो जड़ी बूटियों को खाने का तरीका नीचे बता रहे हैं।

पुरुषों के लिए फायदे: ये जड़ी बूटियां male health के लिए बहुत फायदेमंद हैं। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की प्रॉब्लम हो या फिर यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन, ये दोनो ही जड़ी बूटियां इन्हे जड़ से खत्म करने का दम रखती है। गोखरू और कौंच के बीज का साथ में सेवन करना बहुत गुणकारी है, जहां गोखरू से यूरिनल हेल्थ सही होती है वही कौंच के बीज से सेक्सुअल हेल्थ और ताक़त बढ़ती है।

महिलाओं के लिए फायदे: यूं तो ये दोनो ही जड़ी बूटियां पुरुषों के लिए विशेष महत्व रखती है पर महिलाओं के लिए भी गोखरू और कौंच के बीज के फायदे कम नहीं है। इनका साथ में शारीरिक अवस्था अनुसार सेवन करने से हार्मोनल बैलेंस सही रहता है। इम्यूनिटी बढ़ाने और थकान दूर करने के लिए ये बहुत गुणकारी हैं।

बुजुर्गो के लिए गोखरू और कौंच के बीज के फायदे: बुजुर्गो को खासकर ऐसी जड़ी बूटियों और मेडिसिन की जरूरत होती है जो बढ़ती उम्र के साथ उनकी ताकत और सेहत को बरकार रख सके। गोखरू और कौंच के बीज का कॉम्बिनेशन बुजुर्गो को नवजीवन देने की क्षमता रखता है। उम्र बढ़ने के कारण होने वाली सभी कमजोरियां इन दोनो जड़ी बूटियों के सेवन से दूर हो जाती हैं।

गोखरू और कौंच के बीज को खाने का सही तरीका

हर जड़ी बूटी और आयुर्वेदिक दवा के हजारों फायदे होते हैं। लेकिन ये फायदे इस बात पर निर्भर करते हैं की आप इनका सेवन किस तरह से करते हैं और पथ्य अपथ्य का पालन कर रहे हैं या नहीं। डॉक्टर बत्रा जी ने बताया की जानकारी के अभाव में लोग गोखरू और कौंच के बीज का सेवन सही तरीके से नहीं करते हैं जिससे उनको इसका पूरा लाभ नहीं मिल पाता है। उन्होंने गोखरू और कौंच के बीज के फायदे लेने के लिए इसके सेवन के अलग अलग तरीके बताए:

  • लड्डू बनाकर सेवन करें: गोखरू के लड्डू सर्दियों में हमारे यहां बहुत खाए जाते हैं। अगर गोखरू के साथ कौंच के बीज का चूर्ण मिलाकर ये लड्डू बनाए जाएं तो इनकी पॉवर दोगुना हो जाती है। पुरुष महिला और बुजुर्ग सभी इनका सेवन कर सकते हैं।
  • चूर्ण बनाकर सेवन करें: 250 ग्राम गोखरू चूर्ण में 50 ग्राम कौंच के बीज का चूर्ण और 50 ग्राम मिश्री पीस कर मिला लें। इसका सेवन पकाए हुए गाय के दूध के साथ करने से जवानी में चार चांद लग जाते हैं।
  • एक्सट्रैक्ट बनाकर खाएं: अगर टेस्ट या अन्य किसी वजह से आप पाउडर और लड्डू नहीं खाना चाहते हैं तो इन दोनो को मिलाकर इनका एक्सट्रेक्ट निकाल लें। इस एक्सट्रैक्ट को वेज कैप्सूल में भर कर इनका सेवन किया जा सकता है।
  • गुलकंद में मिलाकर खाएं: गोखरू और कौंच के बीज का पाउडर गुलकंद में मिलाकर खाना बहुत गुणकारी रहता है। खासकर महिलाएं इस तरीके से सेवन कर सकती हैं। इससे गर्मी की समस्या भी नहीं होती है।

हर व्यक्ति की शारीरिक अवस्था और रोग तथा कमजोरियां अलग अलग होती हैं। इसलिए सभी के लिए गोखरू और कौंच के बीज की Dose (मात्रा) अलग अलग होती है। इनका एक साथ सेवन करने से पहले आप अपने नजदीकी डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

गोखरू और कौंच के बीज एक साथ सेवन करने पर होने वाले फायदों की लिस्ट

  • इम्यूनिटी बढ़ती है।
  • जीवनीय शक्ति में इजाफा होता है।
  • यूरिनल हेल्थ के लिए बहुत अच्छा है।
  • सेक्स पॉवर बढ़ाने में फायदेमंद है।
  • शारीरिक ताक़त और ऊर्जा बढ़ जाती है।
  • कमजोरी और थकान दूर होती है।
  • स्पर्म काउंट बढ़ता है।
  • हार्मोनल बैलेंस सही रहता है।
  • बॉडी वीकनेस और थकावट से छुटकारा मिलता है।
  • टाइम बढ़ाने में भी मदद मिलती है।

कुछ टिप्स और सावधानियां भी जरूरी हैं

गोखरू और कौंच के बीज के फायदे बताने के बाद डॉक्टर बत्रा जी ने कुछ जरूरी टिप्स और प्रिकॉशन भी बताए। बिना सोचे समझे इनका सेवन नहीं करना चाहिए। सही डोज सही समय और सही कॉम्बिनेशन बहुत जरूरी है।

  • सर्दियों में इनका सेवन अधिक फायदेमंद है।
  • कौंच के बीज को शुद्ध करना जरूरी होता है।
  • अच्छी क्वालिटी के ऑर्गेनिक पाउडर को ही यूज करें।
  • प्रेगनेंसी या सीरियस हेल्थ इश्यू होने पर आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लिए बिना यूज ना करें।
  • ज्यादा समय तक उपयोग न करें अधिकतम दो से तीन महीने खाने के बाद बंद कर दें।
  • गोखरू और कौंच के बीज का सेवन करते समय अपनी दिनचर्या और खान पान सही रखें, तभी इनका पूरा फायदा मिलेगा।

डॉक्टर बत्रा आयुर्वेद जड़ी बूटियों का अच्छा ज्ञान रखते हैं। गोखरू और कौंच के बीज के फायदे पर उन्होंने जो जानकारी दी वो ऑथेंटिक है। लेकिन इसे हेल्थ एडवाइस के रूप में न लें। ज्यादा जानकारी के लिए आप हमारी संस्था स्वदेशी उपचार से कंसल्ट कर सकते हैं।

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