Digestive System: पाचन मजबूत करने के लिए क्या करें, आयुर्वेदिक दवाएं, जड़ी बूटियां और घरेलू उपचार के साथ रखें इन बातों का ध्यान

डाइजेशन, आज हम बात करेंगे एक ऐसी समस्या के बारे में जो आए दिन कई लोगों को परेशान करते रहती है तथा हर घर में लगभग इसके कोई न कोई मरीज पाए जाते हैं। यह समस्या है पाचन तंत्र के कमजोरी की समस्या और इस समस्या के बहुत सारे पेशेंट हैं और ये सभी इसी बीमारी या इस समस्या के इलाज के बारे में जानना चाहते हैं।

वाकई पाचन तंत्र से संबंधित समस्या एक ऐसी समस्या है जिससे पीड़ित व्यक्ति का पूरा ध्यान दिनभर इसी समस्या के इर्द-गिर्द घूमते रहता है और इसी वजह से वह व्यक्ति किसी भी काम में अपना हंड्रेड परसेंट नहीं दे पाता है। इस बीमारी के कारण उसे और बहुत सारी समस्याएं होने लगती है इसलिए इस बीमारी का जड़ से इलाज जरूरी है जोकि आयुर्वेद द्वारा संभव है।

तो दोस्तों इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर किन किन कारणों से हमारा पाचन तंत्र कमजोर होता है पाचन तंत्र की कमजोरी के क्या क्या लक्षण होते हैं तथा कौन सी आयुर्वेदिक दवाओं तथा औषधियों का उपयोग करके हम इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। 

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डाइजेशन की समस्या के लक्षण और कारण

अगर आपका पाचन कमजोर है तो आपको  तरह-तरह की तकलीफ महसूस होती है और यह तकलीफ ही कमजोर पाचन तंत्र का लक्षण होती है। 

कमजोर पाचन के लक्षण

  • पेट में गैस का बनना एसिडिटी होना 
  • पेट में सीने में दर्द होना या जलन होना 
  • खट्टी डकार 
  • पेट का सही तरीके से साफ ना होना या शौच करने में बहुत ज्यादा समय लगना
  • एक बार में पेट साफ ना होना 
  • दिन भर में 3 से 4 बार लैट्रिन जाने की जरूरत हो ना 
  • इसका ठीक उलटा यानी की दो-दो तीन-तीन दिन तक लैट्रिन ना होना मतलब कब्ज की समस्या होना
  • कुछ भी खाने के बाद पेट खराब हो जाना मतलब कि दस्त लगना या लूज मोशन होना और इसके कारण से कमजोरी और थकावट लगना 

नोट: पाचन तंत्र के कमजोर होने पर कुछ लोगों को भूख नहीं लगती है खाना खाने का मन नहीं करता है। यह सभी लक्षण हमारे पाचन तंत्र की कमजोरी के लक्षण होते हैं। अगर यह लक्षण 15 महीने दिन में एक आद बार आए तो कोई तकलीफ नहीं होती है लेकिन अगर यह लक्षण हर तीन-चार दिन में आने लगे तो हमें समझ जाना चाहिए कि हमारा पाचन तंत्र कमजोर हो रहा है।

जिनके पाचन तंत्र की कमजोरी की समस्या पुरानी है वो हर समय एक मानसिक तनाव या स्ट्रेस में रहते हैं कि कहीं कुछ हम उधर का खा लेंगे तो हमारा पेट खराब ना हो जाए इससे उनमें चिड़चिड़ा और कई प्रकार की समस्या होती है।

पाचन खराब होने के कारण | Low Digestion Causes in Hindi

अब जानते हैं उन कारणों के बारे में जिसकी वजह से हमारा पाचन तंत्र कमजोर होता है। वैसे तो इसका कारण बहुत ही सामान्य होता है और हम में से अधिकांश लोगों को पता होता है फिर भी हम सब कुछ जानते हुए भी इस रोग को पाले हुए रहते हैं।

आजकल हम लोगों की व्यस्तता और अनियमित दिनचर्या या यूं कह लीजिए बिजी और अन हेल्थी लाइफस्टाइल इस रोग का सबसे महत्वपूर्ण कारण है। डिटेल में बात करें तो इसके निम्न कारण हैं

खराब पाचन के कारण ये हैं:

  • काम की अधिकता के कारण या किसी भी कारण से समय पर भोजन नहीं करना
  • हर दिन अलग-अलग समय पर भोजन करना 
  • भोजन बहुत जल्दी-जल्दी करना या हड़बड़ी में करना 
  • सुबह या कभी भी बहुत देर तक खाली पेट रहना या भूखे पेट रहना 
  • रात में बहुत ज्यादा हैवी खाना खाना 
  • तला भुना हुआ हाई फेट, हाई कैलोरी वाला खाना खाना जैसे पिज्जा बर्गर पास्ता सैंडविच मैगी चाऊमीन हॉट डॉग मोमोस केक पेस्ट्री या ब्रेड बेकरी वाले सभी आइटम
  • इसके अलावा समोसा डोसा कचौड़ी पकौड़ी या किसी भी प्रकार का डीप फ्राइड आइटम
  • इन सभी चीजों का अधिक मात्रा में उपयोग करना या इन्हें रोज रोज खाना 
  • बहुत ज्यादा मात्रा में चाय कॉफी पीना 
  • आराम तलब और सुविधा भोगी जीवन शैली का होना और किसी प्रकार का शारीरिक परिश्रम ना करना 
  • संतुलित भोजन का ना करना मतलब खाने में सभी चीजें संतुलित ना होना 
  • कुछ चीजों या पोषक तत्वों की कमी होना जैसे खाने में फाइबर नहीं होना
  • कम पानी पीने से 
  • खाना खाने के बाद तुरंत पानी पीने से 
  • बहुत ज्यादा ठंडा पानी पीने से 
  • बीड़ी सिगरेट शराब या अन्य किसी भी प्रकार का नशा हमारे पाचन तंत्र समेत पूरे शरीर के लिए नुकसानदायक होता है।
  • सभी प्रकार के कोल्ड ड्रिंक्स और सोडा (कई लोग इसे खाना खाने के बाद खाने को पचाने के लिए लेते हैं लेकिन इससे खाना पचता नहीं है बल्कि इसमें कार्बोनेटेड गैस होने के कारण यह शरीर में गैस को बढ़ाता है।)
  • लैट्रिन लगने पर उसे रोक कर रखने से भी पाचन की क्रिया प्रभावित होती हैं 

ऊपर बताए गए सभी कारण आपका डाइजेशन खराब कर सकते हैं। इसके अलावा बहुत सारे लोग घर का खाना ही खाते हैं बाहर का तेल मसालेदार खाना नहीं खाते हैं किंतु वे लोग घर के सादा खाना को भी नहीं पचा पाते हैं क्योंकि वे दिन भर बैठे बैठे काम करते हैं तथा किसी भी प्रकार का शारीरिक परिश्रम नहीं करते हैं जिससे उनका पाचन तंत्र समेत पूरा शरीर धीरे-धीरे कमजोर होते जाता है।

एलोपैथिक की अधिकांश दवाइयां विशेषकर हायर एंटीबायोटिक और पैन किलर हमारे पाचन तंत्र को डिस्टर्ब करते हैं।

पाचन को मजबूत करने वाली आयुर्वेदिक दवाइयां | Ayurvedic Medicine to Improve Digestive Strength in Hindi 

आयुर्वेदिक औषधियां दवाइयां हमारे पाचन तंत्र के बीमारियों को दूर करती है और हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम को पुष्ट करने का काम करती है। आयुर्वेद में पाचन तंत्र से संबंधित अनेकों प्रकार की औषधियां तथा दवाओं का वर्णन योग शास्त्र किया गया है। आयुर्वेद के अनुसार अधिकांश रोगों की उत्पत्ति पाचन तंत्र की कमजोरी के कारण होती है। पाचन तंत्र की कमजोरी को दूर करने वाले बहुत सारी औषधियों और जड़ी बूटियों का वर्णन आयुर्वेद में मिलता है जिसमें से कुछ प्रमुख और प्रसिद्ध औषधियां आपके लिए नीचे दी जा रही हैं।

डाइजेशन पावर बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवाएं | Ayurvedic Medicine for Digestive Power in hindi 

  • शंख वटी 
  • चित्रकादि वटी 
  • कुटज घनवटी 
  • अभयारिष्ट 
  • तकरारिष्ट
  • अविपत्तिकर चूर्ण 
  • त्रिफला चूर्ण 
  • लवण भास्कर चूर्ण 
  • स्वादिष्ट विरेचन चूर्ण   

जड़ी बूटियां जो आपके डाइजेशन को शक्ति देंगी

  • एलोवेरा 
  • आंवला 
  • पुदीना 
  • सौंफ
  • अदरक
  • तुलसी
  • नीम

इसके अलावा भी अन्य कई प्रकार की औषधियां आयुर्वेद में वर्णित जो हमारे पाचन की प्रक्रिया को सुधार कर पाचन तंत्र को मजबूत करने का काम करती है। 

सेवन की विधि और मात्रा | How to use and doses in hindi

सबसे जरूरी बात है कि इन दवाओं का उपयोग कैसे करना है, कब खाना है, कैसे खाना है, कितनी मात्रा में खाना है। 

  • सर्वप्रथम अगर आपके पेट में गैस बनता हो मतलब हाइपर एसिडिटी की समस्या हो या सीने में जलन होता हो और काम की तकलीफ हो तो सुबह उठकर खाली पेट में लगभग 10 ml एलोवेरा का जूस गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए।
  • एलोवेरा आंवला गिलोय इन सभी को आपस में मिक्स करके इनका जूस बनाकर सुबह खाली पेट ले सकते हैं। 
  • लेकिन याद रखें जिन्हें दस्त की समस्या हो उन्हें यह जूस नहीं लेना है।
  • सुबह नाश्ता या हल्का खाना खाने के बाद शंख वटी चित्रकादि वटी इनमें से किस एक गोली को गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए।
  • यह शंख वटी और चित्रकादि वटी दीपन और पाचन दोनों गुणों से युक्त होती हैं। 
  • मतलब यह खाने को पचाने के साथ-साथ भूख को भी बढ़ाने का काम करते हैं।
  • खाना खाने के 30 से 40 मिनट बाद एवम रात को सोने से पहले अभयारिष्ट की 10 ml मात्रा में आधा कप गुनगुने पानी को मिलाकर लेना चाहिए।
  • अभयारिष्ट पाचन संबंधी सभी प्रकार की दिक्कतों को दूर करता है।
  • कॉन्स्टिपेशन कब्ज की समस्या के लिए स्वादिष्ट विरेचन चूर्ण उपयोग होता है।
  •  दर्द हो रहा हो रहा हो तो उसके लिए कुटज घनवटी का उपयोग होता है।

इन दवाओं को लेने से डाइजेस्टिव सिस्टम मजबूत होता है। जिससे भोजन का पाचन सही तरीके से होता है। इनको लेने से पेट में गैस नहीं बनती है और यह आंतों की दीवार में चिपके हुए टॉक्सिंस को निकालकर आंतों की सफाई करता है। आंतों को स्वस्थ बनाने का काम ये सभी दवा करती है। जिसके कारण भोजन का अवशोषण सही तरीके से होता है और पेट आसानी से साफ होता है।  

मल त्याग करने के लिए मरीज को अतिरिक्त जोर नहीं लगाना पड़ता है जिसके कारण बवासीर की समस्या भी नहीं होती है और अगर बवासीर पाइल्स की समस्या हो तो इन दवा को लेने से बहुत जल्दी लाभ मिलता है। इसके अलावा अगर हम शॉर्ट में बात करें तो ये दवाएं डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए उपयोगी होती हैं। 

सावधानियां भी हैं जरूरी

इन सभी आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग करने से पूर्व एक बार आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह अवश्य लेनी चाहिए क्योंकि डॉक्टर के पास जाने से कई बार टेस्ट के जरिए अन्य गंभीर बीमारियां पकड़ में आ जाती हैं। लेकिन इसके उलट अपने मन के अनुसार से इलाज करते रहने से कई बार बीमारी की पहचान नहीं हो पाती है और छोटी-छोटी समस्या भी गंभीर बीमारी का रूप ले लेती हैं।

Digestive System को तंदुरुस्त खाने के लिए tips

हमें अपना शरीर एक मंदिर की तरह मान के इसकी देख रेख करनी चाहिए। डाइजेशन बहुत जरूरी विषय है। हम क्या खा रहे है इससे ज्यादा जरूरी है की हम जो खा रहे हैं वो कितना पच रहा है यानी डाइजेशन प्रोसेस कितने अच्छे से हो रहा है। 

इसके लिए नीचे दी गई इन विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • हमेशा ताजा और आसानी से पचने वाला भोजन करना चाहिए 
  • मसालेदार भोजन नहीं करना चाहिए 
  • ज्यादा देर तक खाली पेट नहीं रहना चाहिए
  • भूख लग रहा हो उससे थोड़ा कम खाना खाना चाहिए
  • संतुलित खाना खाना चाहिए मतलब खाने में प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट विटामिंस मिनरल्स और फाइबर की मात्रा सही होनी चाहिए
  • खाने में फाइबर की पूर्ति के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां अंकुरित अनाज या छिलके वाला और मौसमी फल को खाने में अवश्य शामिल करना चाहिये
  • खाना आराम से बैठ कर खूब अच्छे से चबा कर शांत मन से खाना चाहिए 
  • स्वाद के लालच में एक बार में बहुत ज्यादा खाना नहीं खाना चाहिए 
  • रात में बिल्कुल हल्का और सादा भोजन करना चाहिए
  • रात में खाना खाने के तुरंत बाद सोना नहीं चाहिए
  • इसी प्रकार खाना खाने के तुरंत बाद पानी भी नहीं पीना चाहिए 
  • आराम को छोड़कर सुबह जल्दी उठकर कम से कम एक घंटा किसी भी प्रकार का फिजिकल वर्क आउट या व्यायाम अवश्य करना चाहिए 

ये सब बातें बहुत जरूरी हैं। इससे हमारा पाचन तंत्र सहित पूरा शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान रहता है। अगर आप चाहते हैं कि आपका पाचन तंत्र मजबूत रहे तो किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए। सॉफ्ट ड्रिंक कोल्ड ड्रिंक्स भी नहीं लेना चाहिए और चाय और कॉफी भी अधिक मात्रा में नहीं लेना चाहिए।

विरुद्ध आहार मतलब ऑपोजिट नेचर वाले खाद्य पदार्थों को एक साथ नहीं खाना चाहिए जैसे 

  • गर्म चाय कॉफी पीने के बाद तुरंत ठंडी आइसक्रीम खाना या 
  • इसका उल्टा मतलब आइसक्रीम खाने के तुरंत बाद चाय पीना 
  • मीठे और कड़वे चीज को एक साथ खाना 
  • डेरी आइटम्स 
  • मिक्चर, चिप्स, बिस्कुट के खाने से गैस होती है।
  •  राजमा और अन्य बीन्स भी ज्यादा नहीं खाना चाहिए,   इनको खाने से शरीर में नेचुरल गैस ज्यादा बनती है इसलिए इन्हें कम मात्रा में खाना चाहिए 
  • अगर आप डेयरी आइटम जैसे कि दूध दही मट्ठा छाछ लेते हैं तो दही को सुबह लेना चाहिए मट्ठा छाछ को दोपहर में भोजन के बाद लेना चाहिए तथा दूध को रात में सोते समय पीना चाहिए 
  • जिनको लेक्टोज इनटोलरेंस मतलब जिन्हें दूध से एलर्जी है उन्हें यह सब नहीं लेना चाहिए

निष्कर्ष: पाचन वाली सभी आयुर्वेदिक दवाइयां या चूर्ण दोपहर में खाना खाने के बाद मठा के साथ लेने से जल्दी असर दिखाती हैं। किसी भी प्रकार की एलोपैथिक दवाइयां विशेषकर एंटीबायोटिक्स को लेने से पूर्व चिकित्सक से सलाह अवश्य लेनी चाहिए। पैन किलर और एंटीबायोटिक दवाएं हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम को बहुत नुकसान करती हैं। स्वस्थ दिनचर्या और संतुलित आहार ही पाचन को मजबूत करने का सबसे आसान तरीका है।

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