टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पुरुषों में पाए जाने वाला एक महत्वपूर्ण हार्मोन है | यह शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्यों को सम्पादित करने में अहम् भूमिका निभाता है | यह पुरुषों में यौन क्रियायों, बालों के विकास, हड्डियों एवं आवाज आदि के लिए महत्वपूर्ण होता है | पुरुषों को महिलाओं से आवाज एवं सेक्सुअलिटी में अलग बनाने वाला यही हार्मोन है |
आज के इस लेख में हम जून के महीने में मनाये जाने वाले Men’s Health week के आधार पर आपको टेस्टोस्टेरोन की कमी के लक्षण एवं आयुर्वेद में इसका क्या उपचार है इस बारे में बताएँगे |
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी से पुरुषों में विभिन्न प्रकार समस्याएँ उत्पन्न हो जाती है | एसे में इस हार्मोन के सही स्तर का शरीर में होना अतिआवश्यक है | हर साल जून के महीने में पुरे हफ्ते भर “पुरुष स्वास्थ्य सप्ताह” के रूप में मनाया जाता है | इसी कड़ी में हम पुरुषों में होने वाले टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी के लक्षण, कारण एवं आयुर्वेद के प्रयोग के बारे में बता रहें है |
आयुर्वेद चिकित्सा विश्व की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति है | यह पूर्णत: वैज्ञानिक एवं शोद्ध आधारित है | प्राचीन ऋषि मुनियों ने जिन भी औषधियों एवं जड़ी – बूटियों का वर्णन किया था आज भी वे जड़ी-बूटियां एवं औषधियाँ उतनी ही लाभकारी है |
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन क्या है ?
इस हार्मोन को पुरुष सेक्स हार्मोन के नाम से भी जानते है | यह पुरुषों में सेक्स ड्राइव बढ़ाने का कार्य करता है | इसकी कमी से शरीर में कई तरह के बदलाव आने लगते है | इसे एक मुख्य एनाबोलिक स्टेरॉयड हार्मोन माना जाता है | जब शरीर में इस हार्मोन की कमी होती है तो पुरुषों में यौन दुर्बलताएं दिखाई देने लगती है | उनकी सेक्स इच्छा कम हो जाती है | मांसपेशियां भी कमजोर दिखने लगती है |
इस हार्मोन को एड्रोजन समूह का हार्मोन माना जाता है | जिसका प्रधान कार्य पुरुषों को पुरुषत्व देने का होता है | अत: पुरुषों के लिए यह हार्मोन अत्यंत आवश्यक है |
शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी के लक्षण
जब शरीर में इसकी कमी होने लगती है तो विभिन्न प्रकार के लक्षण प्रकट होने लगते है | चलिए जानते है टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी के लक्षण क्या – क्या हो सकते है | यहाँ निचे हमने इनको बिन्दुवार बताया है |
कमजोर यौन स्वास्थ्य: जब शरीर में किसी कारण से टेस्टोस्टेरोन कम हो जाता है तो पुरुषों में यौन इच्छा भी कम होने लगती है | उन्हें सेक्स के प्रति रूचि नहीं रहती एवं स्तम्भन दोष जैसी समस्याएँ दिखाई देने लगती है |
मांसपेशियों की कमजोरी: इसकी कमी होने से मांसपेशियों में कमजोरी आने लगती है | जैसे ही शरीर में टेस्टोस्टेरोन कम होने लगता पुरुषों में मांसपेशियां कमजोर एवं लचीली होने लगती है |
थकान: यह हार्मोन शरीर में उर्जा एवं स्फूर्ति देता है | लेकिन जब इसकी कमी होने लगती है तो यह थकान का का कारण बनता है | शरीर हमेंशा थका – थका सा रहता है |
बालों का गिरना: बालों के गिरने की समस्या भी टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी से हो सकती है | यह भी सम्भावना रहती है की बाल गिरने की समस्या इस हार्मोन की गिरते हुए स्तर से जोड़ कर देखा जाता है |
याददास्त में बदलाव: इसकी कमी से आपकी याददास्त पर भी असर पड़ सकता है | यह आपको एकाग्र करने का कार्य करता है लेकिन जब शरीर में इसकी कमी होने लगती है तो याददास्त एवं एकाग्रता में कमी आती है |
मूड बदलने लगता है: यह हार्मोन पुरुषों में अच्छे एवं सकरात्मक मूड के लिए भी जिम्मेदार होता है | लेकिन इसकी कमी से पुरुषों में स्वभाव बदलने की परवर्ती आती है वे समाज के प्रति सकारात्मकता खो देते है |
वजन बढ़ने लगता है: टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी से शरीर में शरीर में वसा की मात्रा बढ़ने लगती है जिससे शरीर का वजन भी बढ़ने लगता है | वजन बढ़ने की समस्या भी इस हार्मोन की कमी से हो सकती है |
हड्डियों की कमजोरी: ओस्टियोपोरोसिस नामक रोग भी इस हार्मोन की कमी से हो सकता है | इसकी कमी होने से हड्डियाँ भी कमजोर होने लगती है एवं उनके टूटने का दर भी बना रहता है |
क्या कारण है जिससे शरीर में टेस्टोस्टेरोन कम होता है ?
शरीर में टेस्टोस्टेरोन कमी के कई कारण हो सकते है | यहाँ निचे हमने सभी संभावित कारणों को बताया है | आप इस list के माध्यम से इसके संभावित कारण जान सकते है |
- 30 की उम्र के पश्चात पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का लेवल कम होने लगता है |
- ख़राब लाइफस्टाइल के कारण इसकी कमी 30 की उम्र से पहले भी हो सकती है |
- अधिक तनाव लेना इसके लेवल को कम कर सकता है |
- कोई क्रोनिक डिजीज
- अंडकोष का इन्फेक्शन
- अंडकोष में चोट आदि भी इसकी कमी के कारण बनते है |
- type 2 डायबिटीज के कारण
- लम्बे समय तक ड्रग्स का सेवन
- मोटापा भी टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी का एक कारण बनता है |
- HIV एड्स रोग के कारण
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी में आयुर्वेद कैसे करेगा मदद
आयुर्वेद एक सम्पूर्ण चिकित्सा पद्धति है | यह पूर्णत: वैज्ञानिक एवं परीक्षित है | आज से हजारों वर्ष पहले भी इसी चिकित्सा पद्धति हमारे देश में उपचार किया जाता था और आज भी यह उतनी ही कारगर और फायदेमंद है | इस हार्मोन को शरीर में बढ़ाने के लिए हर्बल तरीकों का प्रयोग किया जा सकता है |
यहाँ हमने कुछ देशी नुस्खे बताएं है जो टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को बढ़ाने में मदद करते है |
- शहद खाने से टेस्टोस्टेरोन बढ़ता है | शहद में बोरोन नामक नेचुरल मिनरल होता है जिसका कार्य इस हार्मोन को बढ़ाने का होता है |
- अश्वगंधा भी एक अच्छा टेस्टोस्टेरोन बूस्टर है | अधिकतर आयुर्वेद की दवाएं जो टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने के लिए होती है उनका मुख्य घटक अश्वगंधा ही होता है | अत: वैद्य सलाह से अश्वगंधा चूर्ण को टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने में प्रयोग किया जा सकता है |
- गोखरू वैसे तो सभी मूत्रविकृतियों में आयुर्वेद में कारगर होता है लेकिन इसका प्रमुख कार्य पुरुष शरिर में टेस्टोस्टेरोन के लेवल को बढ़ाने का भी होता है |
- शतावरी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी भी शरीर में इस हार्मोन को बढ़ाने में लाभदायक साबित होती है | इसका प्रयोग चिकित्सकीय सलाह अनुसार करने से शरिर में इसका लेवल बढ़ता है |
- सफ़ेद मुसली जिसे पुरुष यौनस्वास्थ्य सुधारक के रूप में देखा जाता है | यह भी पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने का कार्य करती है | यह सेक्स ड्राइव को बढ़ाने एवं वीर्य को गाढ़ा करने का कार्य भी करती है |
- दूध, दही एवं पनीर का नियमित सेवन करने से भी टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ता है |
- आयुर्वेद की वाजीकरण चिकित्सा का सहारा लेकर भी आप अपनी सेक्स ड्राइव को बढ़ा सकते है साथ ही यह चिकित्सा टेस्टोस्टेरोन वृद्धि के लिए करवाई जा सकती है |
- अश्वगंधा, शतावरी एवं गोखरू इन तीनों को एक साथ मिलाकर सेवन करने से भी अच्छा टेस्टोस्टेरोन बूस्टर योग बन जाता है |
- हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन अपने आहार में बढाकर भी आप इस हार्मोन के स्तर को बढ़ाने एवं नियंत्रित रखने मदद कर सकते है |
- आयुर्वेद की कुछ औषधियाँ जिनका प्रयोग आप वैद्य सलाह से कर सकते है |