महिलाओं के लिए अश्वगंधा लाभ : अश्वगंधा आयुर्वेद चिकित्सा की एक महत्वपूर्ण जड़ी – बूटी है | इस जड़ी बूटी के बारे में सभी को थोडा बहुत ज्ञान अवश्य रहता है | इसे पुरुषों के यौन स्वास्थ्य से जोड़ कर अधिक देखा जाता है लेकिन क्या आप जानते है ? अश्वगंधा महिलाओं के लिए भी पुरुषों के समान ही लाभदायक है |
आज इस आर्टिकल में हम अश्वगंधा का महिलाओं के लिए होने वाले फायदे एवं इसके नुकसानों के बारे में बताएँगे | अश्वगंधा एक जंगली जड़ी – बूटी है | अत: सबसे पहले इसका ज्ञान होना भी बहुत जरुरी है कि आखिर अश्वगंधा का पौधा दिखता कैसा है ?
यहाँ हमने निचे अश्वगंधा के पौधे की फोटो आप सभी के लिए उपलब्ध करवाई है | यह औषधीय पौधा अधिकतर उत्तरी भारत में अधिक देखने को मिलता है |
अश्वगंधा रोड के किनारे, जंगल एवं खेतों की मेड़ों के सहारे अधिकतर राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उ.प्र., हिमाचल, बिहार आदि क्षेत्रों में दिखाई दे जाते है |
लेकिन सबसे बड़ी विडंबना यह है की इस औषधि को सिर्फ सेक्स पॉवर से जोड़ कर देखा जाता है लेकिन एसा नहीं | आज हम आपको बताते हैं कि अश्वगंधा महिलाओं के लिए कैसे लाभदायक सिद्ध होता है | साथ ही इसके औषधीय गुण धर्म एवं रासायनिक संगठन आदि के बारे में |
महिलाओं के लिए अश्वगंधा के लाभ बताने से पहले हम आपको इसके औषधिय गुणों के बारे में अवगत करवाते है |
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अश्वगंधा के औषधीय गुण क्या है ? | What is the Clinical Properties in Ashwagandha ?
किसी भी जड़ी -बूटी के औषधीय गुण का तात्पर्य होता है कि इसमें पाए जाने वाले रोगहर गुण या कौन – कौन से रोगों में यह लाभदायक होती है | अत: यहाँ हमने अश्वगंधा के औषधीय गुणों के बारे में आपको विस्तृत रूप से बताया है | ये गुण अश्वगंधा के फायदे महिलाओं के लिए के रूप में भी देखे जा सकते है |
- यह कफ एवं वात का नाश करने वाली औषधीय जड़ी बूटी है | अर्थात शरीर में बढे हुए कफ एवं वात का शमन करती है |
- इसे बलकारक एवं वाजीकरण औषधि माना जाता है |
- रसायन एवं दीपन पाचन का कार्य भी करती है |
- इसका रस कटु एवं तिक्त, वीर्य उष्ण अर्थात अश्वगंधा की तासीर गरम होती है एवं पाचन के पश्चात इसका विपाक भी कटु ही होता है |
- कटु विपाक होने से कृमि नाशक के रूप में भी कार्य करती है |
- इसके फल एवं बीज मूत्रल एवं निद्राजनक होते है |
- इसके पते स्वाद में कटु होते है जो ज्वर नाशक एवं कृमि नाशक (कीड़ों को खत्म करने वाले) होते है |
- औषधीय गुणों में यह तनाव रोधी, पेशाब लगाने वाली, अनिद्रा को दूर करने वाली, मानसिक विकारों को दूर करने वाली एवं फेफड़ों के सुजन को दूर करने वाली औषधीय जड़ी – बूटी है |
- महिलाओं के लिए इसके प्रजनन अंगों पर कार्य करने वाले औषधीय गुण लाभदायक है |
महिलाओं के लिए अश्वगंधा के 10 लाभ | 10 Benefits of Ashwagandha for Women in Hindi
अश्वगंधा पुरुषों की तरह ही महिलाओं के लिए भी उतना ही लाभदायक है | यहाँ हम आपको महिलाओं के लिए अश्वगंधा के लाभ बता रहें है | इन्हें देख कर आप समझ सकते है कि अश्वगंधा स्त्रियों के लिए कैसे लाभदायक हो सकता है एवं किन रोगों में इसका उपयोग अधिक करवाया जाता है |
1. गर्भस्तंभक : अश्वगंधा महिलाओं के लिए गर्भस्तंभक के रूप में कार्य करता है | महिलाओं को बार – बार होने वाले गर्भपात में अश्वगंधा एवं कटेरी की जड़ इन दोनों का स्वरस (रस) 10 – 10 मिली. की मात्रा में लेने से अकाल गर्भपात रुकता है | अश्वगंधा गर्भ को स्थिर करने का कार्य करती है | अत: महिलाओं के लिए इस प्रकार से यह औषधि लाभ दायक सिद्ध हो ती है |
2. प्रदर रोग : महिलाओं में असमय रक्त स्राव होने की समस्या में अश्वगंधा का सेवन रोग में आराम प्रदान करता है | नित्य 2 से 4 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को मिश्री मिले दूध के साथ सेवन करने से प्रदर रोग में आराम मिलता है | इसका सेवन सुबह एवं शाम नित्य वैद्य सलाह से करना चाहिए |
3. महिलाओं में प्रजनन संस्थान के रोग : अगर महिलाओं में गर्भ न ठहरता हो तो 20 ग्राम अश्वगंधा को 250 मिली गोदुग्ध एवं एक लीटर जल के साथ मिलाकर मंद अग्नि पर पाक करते है जब सारा जल उड़ जाए तब इसे आंच से उतार कर ठंडा करके इसका सेवन मिश्री मिलाकर करवाने से गर्भ ठहरता है | इसका सेवन मासिक धर्म जाने के तीसरे दिन करना चाहिए | यह महिलाओं के लिए गर्भ ठहराने के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है |
4. गर्भ को बल देने के लिए : कमजोर गर्भ वाली स्त्रियों के लिए अश्वगंधा गर्भ को बल देने का कार्य करती है | अश्वगंधा चूर्ण को गाय के घी में मिलाकर मासिक धर्म के पश्चात नियमित 5 ग्राम की मात्रा में लेने से एवं ऊपर से दूध पीने से गर्भस्थापन होता है | जिन्हें बच्चे नहीं ठहरते उन्के लिए भी यह लाभदायक औषधि साबित होता है |
5. ल्यूकोरिया : अश्वगंधा, तिल, उड़द, गुड़ एवं घी इन सभी को समान मात्रा में मिलाकर सेवन करने से महिलाओं में होने वाली सफ़ेद पानी एवं प्रदर रोग में आराम मिलता है | यह ल्यूकोरिया में महिलाओं के लिए लाभदायक है |
6. स्ट्रेस को दूर करने के लिए : अश्वगंधा को आयुर्वेद में निद्राजनक माना जाता है | यह मानसिक तनाव को दूर करता है इसलिए जिन महिलाओं को स्ट्रेस से गुजरना पड़ता है उनके लिए अश्वगंधा का सेवन वैद्य सलाह अनुसार करना लाभदायक होता है | यह स्ट्रेस को दूर करके मानसिक मजबूती प्रदान करता है |
7. योनी संक्रमण : अश्वगंधा में कृमि नाशक अर्थात एंटी बैक्टीरियल गुण होते है | यह गुण इसे योनी में होने वाले संक्रमण में लाभदायक बनाता है | इसका नित्य सेवन करने से योनी के संक्रमण के साथ बदबू से भी छुटकारा मिलता है |
8. स्तनों के विकास में सहायक : स्त्रियों में स्तनों में दूध की कमी या स्तनों का आकर छोटा हो तो अश्वगंधा के साथ शतावरी सामान मात्रा में मिलाकर सेवन करने से स्तनों का विकास होता है | नित्य वैद्य सलाह से अश्वगंधा एवं शतावरी का चूर्ण दूध के साथ सेवन करने से प्रसूता स्त्रियों में दूध में बढ़ोतरी होती है एवं उनके ब्रैस्ट का साइज़ भी बढ़ा होता है |
9. रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी : महिलाओं के साथ – साथ पुरुषों के लिए भी यह औषधीय जड़ी – बूटी रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने में कारगर साबित होती है | इसमें पाए जाने वाले इम्युनिटी वर्द्धक गुण इसे शरीर के लिए लाभदायक बनाती है | कोरोना काल में भी अश्वगंधा के साथ अन्य औषधियों का सेवन वैद्यों ने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए करवाया |
10. गण्डमाला : गंडमाला एवं थाइरोइड में यह बहुत लाभदायक है | महिलाओ में थाइरोइड की समस्या पुरुषों से अधिक होती है | अत: एसे में अश्वगंधा के पतों का चूर्ण पुराने गुड़ के साथ मिलाकर नित्य 1 ग्राम की मात्रा में करने से गण्डमाला रोग से छुटकारा मिलता है | साथ ही इसके पतों का चूर्ण का लेप बना कर प्रभावित स्थान पर लगाने से भी लाभ देता है |
अश्वगंधा की अन्य जानकारी | More Details about Ashwagandha in Hindi
वानस्पतिक नाम (Latin Name) | Withania Somnifera (Linn.) Dunal |
कुल (Family) | Solanaceae |
अंग्रेजी नाम (English Name) | Winter Cherry |
अरबी (Arabi Name) | तुख्मे हयात (Tukhme Hayat) |
फारसी (Farasi Name) | अश्गंध नागोरी (Ashgandh Nagori) |
संस्कृत (Sanskrit Name) | वराहकर्ण, वरदा, बलदा, कुष्ठगंधिनी, अश्वगंधा |
सामान्य सवाल – जवाब | FAQ
अश्वगंधा के फायदे महिलाओं के लिए क्या है ?
यह योनी संक्रमण, गलगंड, रोगप्रतिरोधक, स्ट्रेस एवं स्तनों के विकास के लिए महिलाओं के लिए फायदेमंद है |
अश्वगंधा सेवन की मात्रा क्या है ?
इसका सेवन चिकित्सक की सलाह अनुसार 5 से 6 ग्राम की मात्रा में शहद एवं दूध के साथ किया जा सकता है |
क्या अश्वगंधा का सेवन बच्चे एवं बुजुर्ग कर सकते है ?
जी हाँ अश्वगंधा को सभी के लिए उपयोगी माना गया है | चिकित्सक की सलाह से इसे सभी उम्र एवं जेंडर के लोग सेवन कर सकते है |
अश्वगंधा के नुकसान क्या है ?
इसके कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं है | अधिक मात्रा में सेवन से सिरदर्द, जी मचलाना एवं गरमी की शिकायत हो सकती है |