आरोग्यवर्धिनी वटी के उपयोग : ‘जैसा नाम – वैसा काम’ कहावत को सिद्ध करने वाली आयुर्वेदिक शास्त्रोक्त औषधि है | यह आरोग्य अर्थात स्वास्थ्य का वर्द्धन (बढ़ाने) करने में सक्षम आयुर्वेदिक दवा है | पुरातन समय से ही हमारी चिकित्सा पद्धति में इसका उपयोग प्रमुख रूप से कुष्ठ (त्वचा विकारों), सभी प्रकार के वात, पित्त, कफज ज्वर, पाचन कमजोरी, हृदय कमजोरी एवं मोटापे में किया जाता रहा है |
इसका उपयोग सभी रोगों का नाश करने के लिए किया जाता है | यह शरीर को रोगमुक्त रखने एवं स्वास्थ्य का सुधार करने वाला रसायन कहा जा सकता है |
इस आर्टिकल में हम आरोग्यवर्धिनी वटी के उपयोग (Arogyavardhini vati uses in hindi) एवं इसकी सामान्य जानकारी के बारे में बताएँगे |
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जानें क्या है आरोग्यवर्धिनी वटी ? | What is Arogyavardhini Vati in Hindi ?
लगभग 13 प्रकार की आयुर्वेदिक जड़ी – बूटियों के सहयोग से निर्मित होने वाली आयुर्वेदिक क्लासिकल मेडिसिन है | आयुर्वेदिक ग्रन्थ रसरत्न समुच्य में इस दवा के बारे में विवरण मिलता है | यह त्रिदोष शामक, कुष्ठहर, दीपन एवं पाचन सुधारने के साथ साथ सम्पूर्ण स्वास्थ्य को सुधारने वाली आयुर्वेदिक औषधि है |
चलिए अब जानते है आरोग्यवर्धिनी वटी के स्वास्थ्य उपयोगों के बारे में
आरोग्यवर्धिनी वटी के स्वास्थ्य उपयोग / Arogyavardhini Vati Uses in Hindi
यह रसायन दीपन – पाचन, शरीर के स्रोतों का शोधन करने वाला, हृद्य को बल देने वाला, मोटापे को कम करने वाला एवं मलों की शुद्धि करने वाला है | इसी के आधार पर इसके स्वास्थ्य उपयोगों के बारे में पता चलता है | तो चलिए जानते है इसके Uses
चर्म रोगों में लाभ देती है आरोग्यवर्धिनी वटी : चर्म के विभिन्न विकारों में इसका उपयोग अत्यंत लाभदायक एवं शीघ्र होता है | इसके एंटीबायोटिक गुण इसे त्वचा के विकार जैसे सोरायसिस, एग्जिमा, खाज – खुजली, एवं सामान्य विकारों में उपयोगी साबित करते है |
दीपन एवं पाचन में लाभकारी है आरोग्यवर्धिनी वटी : दीपन एवं पाचन इसके गुणों में सम्मिलित है | यह दवा शरीर में पाचन का सुधार करके पाचन से सम्बंधित विकारों में फायदेमंद साबित होती है | इसमें पड़ने वाले घटक द्रव्य इसे दीपन एवं पाचन में सहयोगी बनाते है |
मोटापे को घटाने में आरोग्यवर्धिनी वटी के यूजेज : इस दवा के नियमित सेवन से शरीर का मेटाबोलिज्म सुधरता है जो अतिरिक्त फैट को शरीर से बाहर निकालने एवं मोटापा घटाने में फायदेमंद साबित होता है |
यकृत (Liver) के विकारों में लाभकारी : यह दवा एंटीइन्फ्लामेटरी, एंटीवायरल आदि गुणों से युक्त होने के कारण यकृत के विकारों में फायदेमंद साबित होती है | नियमित सेवन से लीवर सुचारू रूप से कार्य करता है एवं सामान्य विकारों में लाभ मिलता है |
हृदय को बल देने वाली औषधि है आरोग्यवर्धिनी : यह हृदय को बल देने एवं इसके विकार जैसे रक्त के थक्के बनने एवं उच्च रक्तचाप, बढे हुए कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने का कार्य करती है | हृदय की मांशपेशियों को बल देने में लाभकारी दवा है |
विभिन्न प्रकार के ज्वरों में इसके उपयोग : पित्त विकृत के कारण हुए ज्वर (बुखार) यह कफ की विकृति के कारण आये हुए ज्वर में इस औषधि का उपयोग बहुत लाभकारी सिद्ध होता है |
आरोग्यवर्धिनी वटी के घटक द्रव्य | Ingredients of Arogyavardhini vati in Hindi
इसमें निम्न घटक द्रव्य मिलते है –
क्रमांक | घटक का नाम | लेटिन नाम | उपयोगी भाग |
---|---|---|---|
01. | आंवला | Emblica officinalis | फल |
02. | विभितकी | Terminallia Bellerica | फल |
03. | हरीतकी | Terminalia chebula | फल |
04. | ताम्र भस्म | Copper | भस्म |
05. | शुद्ध गंधक | Sulphur | शोद्धित गंधक |
06. | शुद्ध पारा | Mercury | शुद्ध पारद |
07. | शुद्ध शिलाजीत | Asphaltum | शोद्धित शिलाजीत एक्सट्रेक्ट |
08. | शुद्ध गुग्गुलु | Commiphorra Wightii | गोंद |
09. | लौह भस्म | Iron ash compound | भस्म |
10. | चित्रक | Plumbago zeylanica linn | मूल (जड़) |
11. | कुटकी | Picrorrhiza kurroa | पंचांग |
12. | अभ्रक भस्म | Mica | भस्म |
13. | निम्बू | Azadirachta indica | पतों का ज्यूस स्वरस |
आरोग्यवर्धिनी के नुकसान | Side Effects of Arogyavardhini Vati in Hindi Language
सामान्यत: इस दवा के कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं है | अगर निर्देशित मात्रा एवं अनुपान के साथ इस दवा का सेवन किया जाए तो यह स्वास्थ्य लाभ ही देती है | लेकिन हाँ अगर मात्रा अधिक लेने से सिरदर्द, जी मचलाना, पेट दर्द आदि दुष्प्रभाव दिखाई दे सकते है | क्लीनिकली अभी तक इसके कोई भी दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिले है |
आरोग्यवर्धिनी से सम्बन्धित सामान्य सवाल – जवाब | FAQ Regarding Arogyavardhini Vati
आरोग्यवर्धिनी वटी के क्या uses है ?
यह त्वचा विकार, सामान्य बुखार, कब्ज, पाचन की समस्या, मोटापा, कोलेस्ट्रोल, उच्च रक्तचाप एवं हृदय विकारों में उपयोगी आयुर्वेदिक औषधि है |
आरोग्यवर्धिनी वटी को कहाँ से ख़रीदा जा सकता है ?
इसे आप ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों जगह से खरीद सकते है | यह आपके नजदीकी आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध हो जाती है |
कौन – कौन सी फार्मेसी इसे बनाती है ?
आरोग्यवर्धिनी वटी को सभी आयुर्वेदिक फार्मेसी बनाती है | यह पतंजलि, बैद्यनाथ, डाबर, कोट्टकल, आर्य वैद्य शाला, साधना एवं कालेडा कंपनियों द्वारा बनाई जाती है |
क्या इसके लिए वैद्य सलाह आवश्यक है ?
निश्चित रूप से किसी भी आयुर्वेदिक दवा के सेवन से पहले वैद्य सलाह सर्वोपरि होती है | क्योंकि वैद्य ही रोग का निर्धारण एवं दवा निर्धारण का कार्य करते है |
आरोग्यवर्धिनी सेवन की विधि क्या है ?
इसका सेवन 1 से 2 गोली वैद्य निर्देशानुसार सेवन की जा सकती है |
धन्यवाद ||