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अमरबेल का तेल
आज कल बालों का ख्याल रखना बहुत जरुरी हो गया है | युवकों एवं युवतियों में कम उम्र से ही बालों का झड़ना , बालों में रुसी होना , बालों का पकना आदि दिक्कते होने लगीं है | इन सबका कारण आप सभी अच्छे से जानते है – गलत खान पान, प्रदुषण, अधिक तनाव एवं चिंता आदि | साथ ही बाजार में मिलने वाले केमिकल युक्त हेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल भी इसका मुख्य कारण माना जा सकता है | लम्बे समय तक इन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से धीरे – धीरे इनका असर होना शुरू होता है एवं बाल झड़ने या पकने लगते है |
अगर बालों में रुसी होने या झड़ने एवं पकने की शुरूआती अवस्था में ही इसका उपचार आयुर्वेदिक तरीके से किया जाए तो निश्चित ही आगे चलकर गंजेपन और सफ़ेद बालों की समस्याओं से नहीं झुझना पड़ता | अगर आप भी इन समस्याओं से परेशान है और बालों की इन समस्याओं की शुरूआती अवस्था में है तो अमरबेल का तेल या अमरबेल का काढा बना कर उपयोग करने से लाभ मिलेगा |
इसका तेल बनाने की विधि बताने से पहले हम आपको अमरबेल का संक्षिप्त परिचय करवा देतें है |
अमरबेल का परिचय –
अमरबेल एक लता होती है जिसे बबूल, बेर, अडूसा या अन्य किसी पेड़ पर फैली हुई देख सकते है | यह पेड़ पर पीले जाल की तरह लपटी हुई होती है | बिना जल और बिना अपनी मूल के फैली होने के कारण इसे आकाशबेल भी कहते है | संस्कृत में इसका नाम आकाशवल्ली है | इस बेल पर पते नहीं लगते लेकिन फुल लगते है जो सफ़ेद रंग के बिलकुल छोटे एवं घुंघरूओं जैसे होते है | बेल सभी ऋतुओं में देखि जा सकती है लेकिन बसंत और ग्रीष्म ऋतू में यह अधिक बढती है एवं इसके फल लगते है | अमरबेल जिस पेड़ पर चढ़ी होती है उसके सभी गुण भी अमरबेल में आजाते है एवं यह अपने आश्रय पेड़ को धीरे – धरे नष्ट भी करदेती है |
गुणधर्म – यह ग्राही, कसैले रस युक्त, पिच्छिल, नेत्र रोग नाशक, अग्निवर्द्धक एवं हृदय के लिए लाभदायक होती है | वात, पीत और कफ का शमन करने वाली होती है | अमरबेल के बीज कडवे होते है | इनके उपयोग से महिलाओं का मसिकस्राव नियमित होता है साथ ही मूत्र को साफ़ करने वाले और यकृत एवं तिल्ली के रोग में भी फायदेमंद होते है | अमरबेल का तेल बना कर या इसके काढ़े का निर्माण करके बालों में प्रयोग करने से रुसी, बालों का झड़ना और बालों के सफ़ेद होने जैसी समस्याओं में लाभ मिलता है |
बालों के झड़ने में अमरबेल के तेल या अमरबेल के काढ़े का प्रयोग करना चाहिए |
अमरबेल का तेल बनाने की विधि
अमरबेल का तेल बनाने के लिए सबसे पहले चाहिए होती है अमरबेल | इसलिए सबसे पहले अमरबेल को ढूंढें | जहाँ भी अमरबेल दिखाई दे वहां से इसकी कच्ची – कच्ची (अच्छी तरह रस से भरी हुई) लताएँ तोड़ ले , वैसे बालों की समस्याओं में बेर के पौधे पर चढ़ी हुई अमरबेल उत्तम होती है | अत: जहाँ तक संभव हो बेर के पेड़ पर चढ़ी अमरबेल को उपयोग में लेने की सोचें और अगर ना मिले तो किसी भी पेड़ पर चढ़ी हुई अमरबेल का प्रयोग कर सकते है | तेल बनाने के लिए निम्न मात्रा में सामान ले –
- कच्ची अमरबेल – 250 ग्राम
- तिल तेल या नारियल तेल – 250 ग्राम
तेल बनाने के लिए अमरबेल को सबसे पहले कूटले | अब एक कडाही में तिल तेल को ले और इसे आंच पर चढ़ा दे | इसमें अमरबेल को कूटकर किये गए कल्क को डालदें | आंच को बढ़ा दे और तेल को अच्छी तरह गरम होने दे | तेल अच्छी तरह गरम होने पर इसमें सन – सन की आवाज आनी शुरू हो जाती है | बिच – बिच में इसे थोडा हिलाते भी रहे | जब तेल में से सन – सन की आवाज आनी बंद हो जाये एवं अमरबेल के अवशेष जल कर काले हो जाएँ तब इसे आंच से उतार कर ठंडा करले | इस प्रकार से आपका अमरबेल का तेल तैयार हो जाता है |
इस तेल का प्रयोग नियमित हलके हाथों से रात्रि में सोते समय बालों में करने से जल्द ही झड़ते हुए बाल रुक जाते है एवं बालों में होने वाली रुसी से भी सदैव के लिए छुटकारा मिल जाता है | सुबह नहाते समय सिर को अच्छी तरह धोलें ताकि कुच्छ चिपचिपा न लगे | तेल का प्रयोग करते समय सिर को ढक कर रखे ताकि मिटटी आदि सिर में न लगे |
अमरबेल का काढ़ा रुसी में
रुसी की समस्या में अमरबेल से तैयार काढ़े से सिर धोने से बहुत लाभ मिलता है | अगर आपको सिर्फ रुसी ही की समस्या है तो एक लीटर पानी में 100 ग्राम अमरबेल को कूटकर डालें एवं इसका क्वाथ बना ले | काढ़ा बनाने की लिए जब 1 लीटर पानी का एक चौथाई अर्थात 250 ग्राम पानी बचे तो यह काढ़ा तैयार हो जाता है | इस काढ़े से नियमित बालों को धोने से डैड्रफ़ एवं रुसी की समस्या से सैदव के लिए छुटकारा मिल जाता है |