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लवण भास्कर चूर्ण / Lavan Bhaskar Churna in Hindi
आयुर्वेद में रोगों के इलाज के लिए सबसे अधिक चूर्ण का इस्तेमाल किया जाता है | लवण भास्कर चूर्ण भी आयुर्वेद का प्रसिद्ध चूर्ण है | इसका प्रयोग कब्ज, गैस, एसिडिटी, अरुचि व पाचन सम्बन्धी समस्याओं में फायदेमंद होता है | लवण भास्कर चूर्ण के निर्माण के लिए जिन औषध द्रव्यों का इस्तेमाल किया जाता है वे सभी हमारे लिए अत्यंत लाभदायी होते है | यह कब्ज, गैस, एसिडिटी और पाचन सम्बन्धी सभी समस्याओं में बेहतर परिणाम देता है |लवण भास्कर चूर्ण निर्माण में उपयोग ली जाने वाली औषधियां / Ingredients of Lavan Bhaskar Churna
- सेंधानमक – 50 ग्राम
- सांभर नमक – 50 ग्राम
- समुद्र नमक – 50 ग्राम
- विडनमक – 50 ग्राम
- सौंचर नमक – 50 ग्राम
- कालीमिर्च – 7 ग्राम
- सोंठ – 7 ग्राम
- पीपल – 7 ग्राम
- नौसादर – 7 ग्राम
- निम्बू का सत्व – 7 ग्राम
- हिंग – 15 ग्राम
- इलायची – 6 ग्राम
- नागकेशर – 6 ग्राम
- मन्दार के पुष्प का भीतरी हिस्सा – 15 ग्राम
लवण भास्कर चूर्ण बनाने की विधि / How to Make Lavan Bhaskar Churna
सबसे सभी पांचो नमक और नौसादर को ऊपर बताई गई मात्रा में लेकर इनका महीन चूर्ण कर ले | अब हिंग को गाय के घी में भुन कर इसे अलग रख ले | बाकी बचे द्रव्यों को कूट – पीसकर इनका भी चूर्ण कर ले | इन सभी द्रव्यों को आपस में मिलकर ऊपर से निम्बू का सत्व मिलकर फिर से खरल करे | अच्छी तरह खरल करने के बाद इस चूर्ण को कपडे से छान ले और किसी पात्र में सहेज कर रखे | आपका लवण भास्कर चूर्ण तैयार है |सेवन की मात्रा / Doses
इसका सेवन 1 से 4 ग्राम तक किया जा सकता है | भोजन करने के पश्चात सुबह एवं शाम के समय सेवन किया जा सकता है | रोग की गंभीरता के अनुसार इसे दिन में 4 से 5 बार भी उपयोग कर सकते है | लवण भास्कर चूर्ण को शीतल जल, गरम जल, मट्ठा, अजवाइन अर्क, अर्क सौंफ और निम्बू के शरबत के साथ प्रयोग करना चाहिए | अनुपान के साथ ग्रहण करने से अधिक लाभ मिलता है |लवण भास्कर चूर्ण के स्वास्थ्य लाभ या फायदे / Benefits of Lavan Bhaskar Churna in Hindi
- आमशुल में इस्तेमाल करने से जल्द ही आराम मिलता है |
- भूख न लगती हो तो इसके चूर्ण को 2 ग्राम की मात्रा में मट्ठे के साथ उपयोग करने से जल्द ही भूख बढ़ जाती है |
- अजीर्ण और अपच में भी इसका सेवन फायदा देता है |
- पेट अगर भारी – भारी प्रतीत होतो गरम जल के साथ सेवन करे |
- गैस की समस्या होने पर इसका सेवन करने से जल्द ही गैस की समस्या से छुटकारा मिलता है |
- धातु की विकृतियों में सेवन से लाभ मिलता है |
- वायु के कारण पेट आदि में दर्द होतो लवण भास्कर चूर्ण की 2 से 3 ग्राम की मात्रा सेवन से लाभ मिलेगा |
- डकारें अधिक आ रही हो तो शीतल जल के साथ सेवन से डकारें आना बंद हो जाती है |
- कब्ज होने पर इसका इस्तेमाल करने से जल्द ही कब्ज टूट जाती है |
- लवण भास्कर पित्त को भी बढ़ने से रोकता है | अत: इसके इस्तेमाल से पित्त की वृद्धि नहीं होती |
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