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प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना (BPH)
प्रोस्टेट ग्रंथि पुरुषों के प्रजनन अंगो में एक महत्वपूर्ण अंग है | इसका मुख्य कार्य प्रोस्टेट फ्ल्युड्स को उत्सर्जित करना होता है यह पतला, दूधिये रंग का द्रव्य होता है जो वीर्य का लगभग 30% भाग बनाता है तथा वीर्य को हल्का सफ़ेद रंग प्रदान करता है | स्वस्थ प्रोस्टेट ग्रंथि की मांसपेशियां वीर्य स्खलन में सहायता करती है तथा उसको Urethral मार्ग में दबाव पूर्ण धकेलने का काम भी करती है |
Prostate Gland की वृद्धि कोशिकाओं का आकार (hypertrophy) बढ़ने के कारण और कोशिकाओं की संख्या बढ़ने (Hyperplasia) के कारण होती है | जिसे Benign Prostatic Hypertrophy (BPH) कहा जाता है |
यह पुरुषों को अधिकतर 50 साल की उम्र के बाद प्रभावित करने वाला मुत्रीय संस्थान का मुख्य रोग है, और 80 की उम्र के बाद BPH की आशंका लगभग 75% तक बढ़ जाती है |
प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने के कारण (Etiology of BPH)
- इस रोग का मुख्य कारण अभी तक अज्ञात है |
- Testicular androgens (Testosterone) को इसका मुख्य कारण माना जाता है |
- पुरुषों की बढती उम्र भी इस रोग का एक कारण माना जा सकता है |
- अनुवांशिकता के कारण |
- अंडकोष की असामन्यता के कारण भी “BPH in Hindi” होने का खतरा रहता है |
- जिन पुरुषो के जवानी में अंडकोष निकाल दिए जाते हैं उन्हें BPH की समस्या नहीं होती है |
प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने के लक्षण
- BPH का मुख्य लक्षण पेशाब करते समय धार का न बनना |
- रोगी को पेशाब करते समय हिचकचाहट होती है , वह बार – बार पेशाब के लिए जाता है | (urgency, frequency and hesitancy)
- इस रोग से ग्रषित होने पर मुत्रिय मार्ग में संक्रमण होने लगता है |
- पेशाब करते समय मूत्र में रक्त का आना |
- रोग की लम्बी अवस्था के बाद रोगी बूंद – बूंद पेशाब करता रहता है और यह बिना नियंत्रण के होता रहता है |
- रात्री के समय बिस्तर गिला कर देता है |
प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने पर उपचार
- रोगी को 2 से 3 लिटिर पानी पिने के लिए प्रेरित करें तथा उसको इस रोग में पानी पीने के फायदे समझाए |
- अगर पेशाब रुका हुआ है और बाहर नहीं निकल रहा हो तो catheterization करवाले |
- चिकित्सकीय सलाह लेवें
- रोग की अवस्था गंभीर होने पर शल्य चिकित्सा की जाती है |
शल्य चिकित्सा में चार तरह की सर्जरी होती है –
TURP (Transurithral rejectoin of Prostate) – यह सर्जरी अधिकतर की जाती है (लगभग 90% तक)
Retropubic Prostectomy – इसमें प्रोस्टेट ग्लैंड को Low abdominal incision द्वारा हटाया जाता है |
Suprapubic Prostectomy – इसमें ब्लैडर के माध्यम से abdominal में low abdominal incision लगाकर प्रोस्टेट ग्रंथि को हटाया जाता है |
Perineal Prostectomy – इस सर्जरी में anus और scrotum के बिच में incision लगाई जाती है |