चमत्कार से कम नहीं है – मकड़ी का जाला

मकड़ी के जले से निमोनिया का उपचार 

आम घर की समस्या है कि उसमें मकड़ी अपना जाला डाल लेती है। लेकिन कभी आपने सोचा है कि ये मकड़ी का जाला भी हमारे बच्चों के किसी रोग में काम आ सकता है। बिल्कुल मकड़ी जो छोटे आकार का जाला बनाती है जिसका रंग सफेद होता है वह छोटे बच्चों के निमोनिया रोग को खत्म कर सकता है।

मकड़ी के जाले के घरेलु नुस्खे
मकड़ी का जाला

यदि दुध पीते बच्चे को निमोनिया हो जाये तो उसे मकड़ी का जाला देने से निमोनिया से मुक्ति मिल सकती है। ज्यादातर घरों में मकड़ी एक सफेद रंग का एक रूपये के सिक्के के आकार का जाला बनाती है। जब किसी बच्चे को निमोनिया हो जाये तो ये जाला दिवार से उतार लें। ध्यान रखें जाला सफेद रंग का और रूपये के सिक्के की आकृति का होना चाहिए। इसे उतार कर साफ कपड़े से पोंछ कर साफ करलें। इस जाले में प्रायः अण्डे चिपके रहते हैं। अतः उन्हे पूर्णतया साफ करले।

इस प्रकार करें उपयोग मकड़ी का जाला

अब इस जाले को माता के दुध में पीसकर बच्चे को दिन में तीन बार पीलायें। जब आप इसकी पहली खुराक देंगे तब से ही बच्चे को आराम मिलना शुरू हो जायेगा। तीन खुराक पूरी देने से बच्चे का निमोनिया पूर्ण रूप से खत्म हो जायेगा। मकड़ी का जाला दुध से देने से बच्चे को दस्त लगेंगे और उसका पेट साफ हो जायेगा। यह नुस्खा आजमाया हुआ है और तीन खुराक में रोगी पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाता है। इससे अधिक लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती। यह प्रयोग अनेक बार परिक्षित है।

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credit:-वैद्यभूषण श्री रामचन्द्र आर्य मुसाफिर की पोस्ट – भोजन से चिकित्सा

धन्यवाद | 

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