ध्यान योग PDF ई-बुक डाउनलोड करें फ्री में | Dhyan Yog PDF E-Book Download for Free

ध्यान योग PDF ई-बुक डाउनलोड करें फ्री में | Dhyan Yog PDF E-Book Download for Free
  • Version 1.0
  • Download 429
  • File Size 9.0 MB
  • Create Date मई 9, 2023

ध्यान योग PDF: प्राचीन भारतीय आयुर्वेद एवं अध्यात्म में ध्यान अर्थात Meditation का अपना अलग प्रभाव रहा है । अगर आप ध्यान योग Book PDF में download करना चाहते हैं तो सही वेबसाइट पर आयें हैं । यहाँ हम आपको देने जा रहें है ध्यान योग pdf ebook जिसे आप अपने मोबाइल या डेस्कटॉप में स्टोर कर सकते हैं एवं ऑनलाइन पढ़ भी सकते हैं ।

ध्यान योग PDF E-BOOK Details

  • Book Name: ध्यान योग PDF
  • Writer: भगवान रजनीश 'ओशो'
  • Total Page: 446
  • Size: 9 MB
  • Link: Available

ध्यान योग PDF रजनीश Book का संक्षिप्त परिचय

यह बुक प्रशिद्ध विचारक भगवान रजनीश जिन्हें 'ओशो' के नाम से भी जाना जाता है । के द्वारा लिखी गई है । विश्व इतिहास में शायद 'ओशो' से बड़ा अध्यात्मिक विचारक एवं पाखंड का विरोधी कोई पैदा नहीं हुआ है । ओशो अपने ध्यान के कारण ही पुरे विश्व में जाने गए । इन्होने ध्यान योग पीडीऍफ़ (Meditation) पर बहुत ही ज्यादा खोज की थी । ओशो के अनुसार भारत में ही ध्यान का उद्भव हुआ ।

ध्यान योग का केंद्र भारत रहा है । हमारे धर्म ग्रंथो में भी ध्यान का वर्णन प्राप्त होता है । जैसे गीता, रामायण, अथर्वेद, पतंजलि आदि में । ध्यान योग आत्मा से परमात्मा होने का एक जरिया है । अगर आप ये किताब पढेंगे तो आपको पता चलेगा की ध्यान योग pdf के द्वारा आप अपने आप को जान सकते हो । रजनीश के अनुसार मनुष्य की सबसे बड़ा वहम ये है कि वह सोचता है की मैं अपने आप को जानता हूँ । लेकिन होता इसके विपरीत है

ध्यान योगियों के अलावा इस संसार का प्रत्येक मनुष्य अपने आप से ही अपरिचित है । अत: जिन्हें इस संसार, स्वयं एवं भगवान को समझना है उन्हें ध्यान योग का अनुसरण करना चाहिए । इस book को हमने आपके लिए फ्री में उपलब्ध करवाया है ।

ध्यान योग PDF e Book की महत्वपूर्ण बातें

भगवान रजनीश के अनुसार ध्यान योग के लिए सिर्फ तीन नियम हैं । उन्होंने ने अपने सन्यासियों को ये बताया था की अगर आप सन्यासी एवं योगी बनना चाहते हैं तो आपको निम्न तीन नियमों का पालन करना आवश्यक है ।

  • एक सन्यासी को सदैव गैरिक वस्त्र पहनने चाहिए ।
  • हमेंशा भगवान द्वारा दी गई माला पहननी चाहिए ।
  • नित्य नियमपूर्वक ध्यान करना चाहिए ।

बस ये तीन नियम जिस किसी ने भी अपने जीवन में बंध लिए । वह पूर्णत: सन्यासी है ।

 

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