संतान प्राप्ति में गुणकारी है उलट कम्बल या योनि पुष्पा (Devil’s Cotton in Hindi)

उलट कम्बल: आज हम यहां आपको आयुर्वेद की एक भूली बिसरी जड़ी बूटी के बारे में बताने जा रहे हैं।। जो संतान सुख प्राप्ति में महत्वपूर्ण साधन है। ऐसी स्त्रियां जिनमें कोई भी विकृति ना होने के बावजूद भी वे संतान सुख से वंचित है, उन स्त्रियों के लिए यह जड़ी-बूटी बहुत ही गुणकारी है | क्योंकि बिना संतान सुख के कोई भी स्त्री पूर्ण नहीं होती ।

अतः हमारी प्रकृति ने हमें अनेक ऐसी औषधियां दी है जिनका प्रयोग करके हम हमारा संपूर्ण जीवन सुख में व्यतीत कर सकते हैं। इन औषधियों की जानकारी आयुर्वेद में भली-भांति प्रकार से दी गई है। तो चलिए जानते हैं आयुर्वेद की संतान प्राप्ति में गुणकारी उलट कंबल या योनि पुष्पा जड़ी बूटी के बारे में

उलट कम्बल (Ulat Kambal)
Ulat Kambal

उलटकम्बल या योनि पुष्पा क्या है ? | What is Devil’s Cotton?

यह आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। उलट कम्बल को योनि पुष्प (Devil’s Cotton) के नाम से भी जाना जाता है। उलट कम्बल के पौधे या पेड़ बंगाल सिक्किम आसाम और वर्षा वाले क्षेत्रों में देखने को मिलते हैं। इस पेड़ की तना ,जड़ ,पत्ते, फूल और फल सभी गुणकारी होते हैं। यह जड़ी बूटी मासिक धर्म की अनियमितता संबंधी बीमारियों के कारण होने वाले बांझपन में रामबाण है। उलट कंबल या योनि पुष्प योनि रोगो, गर्भाशय विकार, प्रदर रोग, उदर रोग, बवासीर और आध्मान में भी हितकर है।

उलट कम्बल के गुण कर्म और प्रभाव | Ulat Kambal Properties

  • इसकी जड़ गर्भ स्त्राव को रोकने वाली और गर्भाशय शोधक होती है।
  • उलट कम्बल तिक्त और कषाय गुण वाला होता है जो बांझपन का नाश करता है।
  • उलट कम्बल की छाल, आर्तव जनक और गर्भाशय को बल प्रदान करने वाली होती है।
  • उलट कम्बल का पंचांग मासिक धर्म से उत्पन्न बांझपन को दूर करता है।
  • उलट कम्बल का पंचांग उदर रोगों, बवासीर और कष्ट से आने वाले मासिक धर्म रोगों का नाश करता है।
  • उलट कम्बल मासिक धर्म संबंधी सभी विकारों और दर्द को दूर करता है।

उलट कम्बल या योनि पुष्पा के आयुर्वेदिक गुण कर्म और प्रभाव जानने के बाद अब हम उलट कंबल के औषधीय प्रयोग, मात्रा एवं सेवन विधि के बारे में जानेंगे के बारे में जानेंगे। तो चलिए जानते हैं

उलट कम्बल के औषधीय प्रयोग, मात्रा एवं सेवन विधि

उलट कम्बल का प्रयोग मुख्य रूप से मासिक धर्म संबंधी विकारों और मासिक धर्म संबंधी विकारों के कारण उत्पन्न बांझपन में किया जाता है, परंतु इसके अनेक औषधीय गुणों के कारण इसका प्रयोग कुछ अन्य रोगों में भी लाभदायक होता है।

अब हम यहां आपको विस्तार से बताएंगे की उलट कम्बल का प्रयोग किन – किन रोगों में और कैसे करें।

सिर दर्द में: उलट कम्बल के पत्तों को पीसकर माथे पर लगाने से सिर दर्द में आराम मिलता है।

छाती के रोगों में : उलट कम्बल की आर्द्र जड़ का रस 5 मिलीलीटर पीने से स्वसन संस्थान की नाड़ी की सूजन ठीक हो जाती है।

प्रजनन संस्थान के रोगों में

  • 4 ग्राम उलट कम्बल की मूल और छाल का चूर्ण तथा 7 नग काली मिर्च को जल के साथ पीसकर मासिक धर्म के समय 7 दिन तक सेवन करने से 2 से 4 महीनों में ही गर्भाशय के सब दोष मिट जाते हैं और यह प्रदर और बांझपन की सर्वश्रेष्ठ औषधि हैl
  • उलट कम्बल की मूल और छाल का स्वरस 2 मिलीलीटर की मात्रा में कुछ समय तक नियमित सेवन करने से मासिक धर्म के समय होने वाले वेदना से छुटकारा मिलता है ।
  • अनियमित मासिक धर्म के साथ ही जांघों और कमर में विशेष पीड़ा हो तो 5 मिलीलीटर की मात्रा में उलट कंबल की मूल का स्वरस शक्कर में मिलाकर पीने से 2 दिन में ही लाभ मिलने लगता है।
  • उलट कम्बल की 50 ग्राम सूखी छाल को कूटकर 625 मिलीलीटर पानी में पकाकर काढ़ा तैयार कर ले ।इस काढ़ा को 10-20 मिलीलीटर दिन में तीन बार लेने से कुछ ही दिनों में मासिक धर्म उचित समय पर होने लगता है। इसको 1 सप्ताह पहले शुरू कर आर्तव आने तक लेना चाहिए ।
  • 2 ग्राम उलट कम्बल की मूल और छाल पान के डंठल 3-4नग और काली मिर्च 3 नग को ताजे जल के साथ पीसकर 50 मिलीलीटर जल मिलाकर प्रातः काल लगातार कुछ दिनों तक सेवन करने से स्त्री संतान सुख प्राप्त कर सकती है।

सूजन में उलटकम्बल के फायदे

उलट कंबल के ताजे पत्तों और तने की छाल को समान भाग लेकर फांट बनाकर प्रयोग करने से शरीर के किसी भी हिस्से की सूजन का नाश होता है।

आमवात में: उलट कम्बल के पत्तों का क्वाथ बनाकर बफारा देने से आमवात में लाभ होता है।

त्वचा रोगों में: उलट कम्बल की मूल को पीसकर त्वचा पर लगाने से कील मुहांसों और फुंसियों से छुटकारा मिलता है।

मात्रा और सेवन विधि और नुकसान

काढ़ा – 10 से 20 मिली.

चूर्ण – 3 से 5 ग्राम

उलट कम्बल के पंचांग (पत्ते, फल, फूल, मूल और छाल) के चूर्ण को शहद या गुनगुने पानी के साथ ले। औषधीय उपयोग में लेने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लें | हालाँकि घरेलु प्रयोगों एवं औषधीय प्रयोग में यह औषधि नुकसान रहित है | लेकिन गलत अनुपान एवं मात्रा में सेवन करने से नुकसान दायक हो सकता है |

धन्यवाद |

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