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आयुर्वेद अनुसार ऋतुचर्या जानने के लिए आपको यहाँ पर उपलब्ध इस ऋतुचर्या pdf ebook को पढना चाहिए । क्योंकि आयुर्वेद में जैसे दिनचर्या होती है वैसे ही ऋतूचर्या के भी नियम बताये गए हैं । यहाँ ऋतू से तात्पर्य शरद, शीत, ग्रीष्म, हेमंत, शिशिर और वर्षा ऋतुओं से है वहीँ चर्या का अर्थ होता है आचरण । अर्थात अगर आप ऋतुचर्या का शाब्दिक अर्थ देखें तो यह होता है कि व्यक्ति को प्रत्येक ऋतू के अनुसार क्या आचरण करना चाहिए ।
ऋतुचर्या pdf क्या है ?
मुख्यत: हमारे यहाँ भारत में 6 ऋतुएँ होती हैं । इन्ही के आधार पर आयुर्वेद ने प्रत्येक प्राणी के लिए आहार - विहार के कुछ नियम बनाये हैं वही ऋतुचर्या pdf कहलाती है । हमारे देश में होने वाली 6 ऋतुओं के नाम निम्न हैं ।
- शिशिर
- बसंत
- ग्रीष्म
- वर्षा
- शरद
- हेमंत
प्रत्येक ऋतू में दो महीने होते हैं अर्थात जैसे शिशिर ऋतू में माघ और फाल्गुन महिना होता है । इन्ही ऋतुओं के अनुसार व्यक्ति को आहार विहार का ध्यान रखना आवश्यक है । आयुर्वेद में ऋतुचर्या pdf इसी लिए बताई गई है कि प्रत्येक मनुष्य को रोगों से बचे रहने और आजीवन स्वस्थ रहने के लिए इन ऋतुओं के अनुसार आहार - विहार का ध्यान रखना आवश्यक है । अगर आप इन नियमों को अपनाते हैं तो निश्चित ही आपको रोग नहीं होंगे एवं आप आजीवन स्वस्थ रहेंगे
तो चलिए आज यहाँ पर हम आपको ऋतुचर्या की PDF फाइल उपलब्ध करवा रहें है जिसको पढ़कर आप प्रत्येक ऋतू में स्वस्थ रहेंगे । यह ऋतुचर्या pdf आपको कहीं दूसरी वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं होगी