Ayurvedic Medicinal Plant (Herbs) List with Pictures In Hindi
संसार में जितनी भी वनस्पति है निश्चित ही उनका उपयोग मानव जीवन के लिए किसी न किसी रूप में उपयोगी है | आयुर्वेद चिकित्सा को विश्व की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति माना जा सकता है | यह पूर्ण रूप से जड़ी – बूटियों एवं प्लांट्स पर आधारित है | आयुर्वेद का ज्ञान रखने वालों को हर्ब्स अर्थात औषध द्रव्यों एवं प्लांट्स का ज्ञान रखना भी आवश्यक होता है |
यहाँ हमने आयुर्वेद चिकित्सा में काम आने वाले औषधीय पौधों का वर्णन किया है | साथ ही इनके Scientific Name, संस्कृत नाम एवं इमेज (pictures) भी उपलब्ध करवाए है |
आप इन्हें अल्फाबेटिक क्रम में देख सकते है |
1. अंकोल
संस्कृत – अंकोल
Scientific – Alangium Lamarckii
उपयोग (use) – विष विकार, कफ, वात, शूल, कृमि, सुजन, गृहपीड़ा, कमर दर्द, वीर्य वर्द्धक एवं रुधिर विकारों में उपयोग
2. अगरु
संस्कृत – अगरु, वन्शिम
Scientific Name – Aquilaria agallocha Roxb.
उपयोग (use) – कुष्ठ एवं खुजली नाशक, कुक्कर खांसी, अधिक प्यास नाशक, मुंह की बदबू दूर करने में उपयोगी, आफरा आदि में फायदेमंद औषधि |
3. अरनी
संस्कृत – अग्निमंथ
Scientific Name – Premna Integrifolia Linn.
उपयोग (use) – दीपन – पाचन उष्ण वीर्य होने से आमपचन एवं अनुलोमन है अत: अग्निमंध्य (भूख की कमी), आमदोष , सुजन को दूर करने व कब्ज में उपयोगी किया जाता है |
4. अजमोद
संस्कृत – अजमोदा, वस्तुमोदा
Scientific – Apium graveolens Linn.
उपयोग (use) – खांसी एवं श्वास में उपयोगी, वात विकार, दीपन – पाचन, दर्द, गुल्म एवं उल्टी आदि में उपयोग की जाती है |
5. अतिस
संस्कृत – अतिविषा, भंगुरा
Scientific Name – Aconitum Beterophylum Wall.
उपयोग (use) – बच्चों की खांसी, अतिसार, बुखार आदि में उपयोग किया जाता है | दुर्बलता, ज्वर, श्वास – कास , स्तन्य शोधन भी उपयोगी |
6. अपराजिता
संस्कृत – विष्णुक्रांता, गोकर्णिका
Scientific Name – Clitoria ternatea Linn.
उपयोग (Use) – आमपाचन, कफ का शोधन करके कन्ठस्वर को सुधरता है | कास – श्वास, कुष्ठ रोग एवं गंडमाला में उपयोगी |
7. अपामार्ग
हिंदी – चिरचिटा
Scientific Name – Acbyranthes aspera
उपयोग (use) – पाचन शक्ति की हीनता को दूर करता है | शूल (दर्द), खुजली, उदार रोग, बवासीर, मेदोरोग, हृदय रोग एवं पत्थरी में उपयोगी है |
8. अरलू
संस्कृत – श्योनाक
Scientific Name – Ailantbus excelsa Roxb.
उपयोग (Use) – खुनी दस्त, जीर्ण अतिसार, प्रसव पश्चात पीडाओं में लाभदायक | कृमि नाशक, भूख बढाने वाला , कान के दर्द , त्वचा विकार एवं गुदा द्वार के रोगों में फायदेमंद है |
9. आक
संस्कृत – क्षीर फल, अर्क द्वय
Scientific Name – Calotropis procera
उपयोग (use) – यह उत्तम रेचक, वात, कोढ़, कंडू (खुजली), विष, व्रण (घाव), गुल्म, बवासीर, श्लेष्मा, उदर विकार, कान दर्द एवं कीड़ो की समस्या में उपयोगी है |
10. अर्जुन
संस्कृत – अर्जुन
Scientific Name – Terminalia arjuna
उपयोग (Use) – हृदय रोग जैसे हृदय घात, हाई ब्लड प्रेस्सर में फायदेमंद है | यह रक्तातिसार (खुनी दस्त), शुक्रमेह, कफज विकार, खांसी, मूत्राघात, रक्तविकार एवं मोटापे को घटाने में उपयोगी औषधि है |
11. अशोक
संस्कृत – मधु पुष्पक |
Scientific Name – Saraca asoca (Roxb.)
उपयोग (use) – स्त्री समस्याओं जैसे – सफ़ेद पानी, रक्तप्रदर, मासिक धर्म की अनियमितता, गर्भस्राव जैसे रोगों में फायदेमंद है | यह दाह, सुजन एवं विषादी में भी उपयोगी है |
12. अश्वगंधा
संस्कृत – अश्वगंधा, वराहकरणी |
Scientific Name – Withania Somnifera
उपयोग – यह पुरुषों के लिए उत्तम बल वर्द्धक, रसायन एवं शुक्रवर्द्धक द्रव्य है | वात रोग, श्वास – कास, सुजन एवं महिलाओं में होने वाले योनिगत रोग जैसे – श्वेतप्रदर आदि रोगों में उपयोग किया जाता है |
13. अफीम
संस्कृत – अहिफेन |
Scientific Name – Papaver Somniferum Linn.
उपयोग (use) – यह स्वाद में तिक्त एवं कषाय होता है | कफशामक, मदकारी (नशीला), ग्राही एवं शुक्रस्तंभक है | वेदना स्थापक (दर्द दूर करने वाला), अतिसार (दस्त), कफज विकार, हृदय विकारों में उपयोगी है |
14. आंवला
संस्कृत – आमलकी, अमृत फल
Scientific Name – Indian Grossberry / Emblica officinalis Gaertn.
उपयोग – आयुर्वेद में सर्वरोग हर औषधि माना जाता है | त्रिदोष गुणों के कारण सभी रोगों में कार्य करता है | यह उत्तम दीपन – पाचन, बल्य रसायन, ज्वर, पीलिया, खून की कमी एवं सभी प्रकार के प्रमेह में उपयोगी |
15. अमलतास
संस्कृत – आरग्वध
Scientific Name – Casia fistula Linn.
उपयोग (use) – यह पक्वाश्यगत कफ पित का शोधन करने में उत्तम है | ज्वर, उदावर्त, शूल, हृदय रोग, कुष्ठ एवं रक्त पित में उपयोगी है |
16. अदरक
संस्कृत – आर्द्रक, शुंठी |
Scientific Name – Zinziber Officinalis
उपयोग – उत्तम दीपन – पाचन, आफरा, दर्द एवं गुल्म में उपयोगी है | कफज विकारों में फायदेमंद | श्वास रोग, खांसीएवं प्रतिश्याय में लाभकारी |
17. अखरोट
संस्कृत – अक्षोट |
Scientific Name – Juglans regia Linn.
उपयोग (use) – यह बल्य एवं वृष्य औषधि है | गण्डमाला, वातरक्त, सुजन एवं आमवात में उपयोगी है | स्मरण शक्ति तेज करने एवं मष्तिष्क विकारों में फायदेमंद है |
18. अलसी
संस्कृत – अतसी
Scientific Name – Linium usitatissimum Linn.
उपयोग – यह बवासीर, कुष्ठ, हृदय रोग, घाव की सुजन एवं गृहणी जैसे रोगों में उपयोगी है |
19. अकरकरा
संस्कृत – आकारकरभ
Scientific Name – Anacyclus pyrethrum DC.
उपयोग (use) – यह उत्तम वाजीकरण द्रव्य है | बल्य एवं वृष्य कर्म से युक्त औषधि है | इसे ध्वजभंग, फिरंग, एलर्जी एवं वात रोगों के शमनार्थ उपयोग करवाया जाता है |
20. अध्:हुली
संस्कृत – अध्:पुष्पि
Scienntific Name – Trichodesma Indicum R. Br.
उपयोग – गुणों में कटु, तिक्त एवं रुक्ष होने के कारण कफवात शामक औषधि है | यह गृहणी, विषरोग एवं ज्वर आदि में उपयोगी है |