Swadeshi Aloe Gastro Care
स्वदेशी, घरेलु एवं परीक्षित फार्मूला “एलो गैस्ट्रो केयर” | यह दवा सभी प्रकार के उदर विकारों में बेजोड़ साबित होती है | अगर आपको कब्ज, गैस, अजीर्ण, अपच, एवं इनके कारण होने वाली अन्य सामान्य समस्याएँ जैसे – भूख न लगना, आँतों की कमजोरी, बवासीर, पेट दर्द, पेट का अल्सर, लीवर की सुजन आदि है तो यह दवा आपके लिए वरदान साबित हो सकती है |

इस दवा के निर्माण में निम्न आयुर्वेदिक औषधियां प्रयोग में ली गई है
अमलतास – यह ठंडी प्रकृति का अर्थात शीत वीर्य, गुणों में भारी – स्निग्ध एवं पेट को साफ़ करने वाला अच्छा आयुर्वेदिक द्रव्य माना जाता है | कब्ज एवं गैस में इसके चमत्कारिक प्रभाव देखने को मिलते है | पुराने घरेलु नुस्खों के अनुसार अगर इसकी फली के साथ सौंफ एवं गुलाब की पति को कूटकर एवं पानी में उबाल कर प्रयोग करने से सभी प्रकार की कब्ज में आराम मिलता है | यह नुस्खा परीक्षित है अत: इसी नुस्खे के आधार पर हमने अमलतास का प्रयोग इस दवा में किया गया है |
सौंफ – प्रत्येक घर के किचन में राज करने वाला यह भारतीय मसाला , आयुर्वेद की दृष्टि से भी उत्तम गुणों से युक्त है | आयुर्वेद के अनुसार सौंफ को दीपन – पाचन एवं भोजन में रूचि बढ़ाने वाली माना जाता है | यह ठंडी तासीर की होती है अत: एसिडिटी एवं गैस की समस्या में बेहतरीन काम करती है | कब्ज , गैस एवं पाचन की कमजोरी में इसका प्रयोग किया जाता है |
नागरमोथा – नागरमोथा भी आयुर्वेद की एक प्रशिद्ध जड़ी – बूटी है | यह सम्पूर्ण भारत वर्ष में उगती है | किसानो के लिए यह एक खरपतवार है लेकिन आयुर्वेद के अनुसार यह अतिउत्तम औषध द्रव्य है | यह शरीर में अत्यधिक पित्त बनने की प्रवृति को खत्म करती है एवं अत्यधिक पित्त के कारण होने वाले सीने की जलन और Acidity से मुक्ति दिलाने में सहायक है |
मेथी – मेथी को अच्छी एंटीओक्सिडेंट एवं एंटीबैक्टीरियल गुणों से युक्त मानी जाती है | पुराने समय से ही कब्ज के लिए इसका क्वाथ बना कर प्रयोग करने का विधान रहा है | यह पाचन को ठीक रखती है एवं पाचन की गडबडी के कारण होने वाले रोगों जैसे अपच एवं अजीर्ण में फायदा पहुंचती है |
मुलेठी – इसे यष्टिमधु, मधुयष्टि या मुलहेठी आदि नामों से भी जाना जाता है | यह रस में मधुर एवं तासीर में ठंडी होती है | पाचन को सुधारने एवं कब्ज , गैस जैसी समस्याओं को दूर करने में उपयोगी साबित होती है | यह त्रिदोष शामक औषधि है अत: शरीर में बने अतिरिक्त टोक्सिंस को दूर करने फायदेमंद है |
त्रिफला – तीन फलों का मिश्रण (हरीतकी, विभितकी एवं आमलकी) त्रिफला को चमत्कारिक आयुर्वेदिक दवा माना जाता है | कब्ज, गैस, अजीर्ण, अपच एवं सभी प्रकार के उदर विकारों में बेहतरीन परिणामदाई आयुर्वेदिक औषधि है | आयुर्वेद चिकित्सा में त्रिफला को अमृत समान उपयोगी माना गया है | यह शरीर को डीटोक्स करने का कार्य करती है |
एलोवेरा – पेट के रोगों में एलोवेरा भी चमत्कार के समान कार्य करती है | इसमें कई प्रकार के विटामिन एवं मिनरल्स होते है जो शरीर को स्वस्थ रखने का कार्य करते है | आयुर्वेद के अनुसार सुबह खाली पेट अगर एलोवेरा के ज्यूस का सेवन किया जाए तो पेट के सभी रोग दूर होते है | कब्ज एवं गैस का यह काल साबित होती है |
सनाय – सनाय के फूलों एवं एवं पत्तियों में चमत्कारिक आयुर्वेदिक गुण होते है | आयुर्वेद के अनुसार इसे उत्तम विरेचक द्रव्य माना जाता है अर्थात यह दस्त लगाने में उपयोगी है | कब्ज की शिकायत में सनाय को उत्तम औषधि माना जाता है |
Hariom –
10 sal se bhookh na lagne ki samasya hai
Pradeep –
Address:- sultan nagar gali no.2 Gajraula (Amroha)
Brijpal Singh –
Hello sir my name Brijpal Singh
Anil Lochib –
Hello Brijpal ji, How can we help you?