जड़ी – बूटियां
नागफनी - विशेषकर सूखे एवं बंजर प्रदेशों में अधिक पैदा होती है | नागफनी को थूहर या थोर आदि नामों से भी जाना जाता है | यह वनस्पति उत्तरी अमेरिका एवं ...
Caparidaceae फॅमिली की यह वनस्पति पौधा झाड़ीनुमा होता है | यह कांटेदार, घना, बारीक़ शाखायुक्त 6 से 7 फीट ऊँची वनस्पति है | इसकी शाखा नाजुक काँटों से युक्त होती ...
भारत के प्रत्येक राज्य में सत्यानाशी के पौधे देखने को मिल जाते है | ये खाली पड़ी जमीन, जंगल, बंजर भूमि एवं मैदानों में अपने आप ही उग आते है | राजस्थान, पंजाब, ...
वानस्पतिक नाम : Leptademia reticulata W. & A. (External Link) कुल (Family) : Asclepiadaceae संस्कृत : शाकश्रेष्ठा, पयस्विनी, जीवा, मधुस्त्रवा, ...
वाराहीकंद जिसे जिमीकंद, डुक्करकंद एवं रतालू आदि नामों से जाना जाता है यह अफ्रीका एवं चीनी क्षेत्रों का देशज पौधा है | हमारे यहाँ इसकी सब्जी बना कर एवं ...
जो शारीरिक एवं यौन रूप से कमजोर है वे आयुर्वेदिक तरीकों से अपनी खोई हुए काम शक्ति को वापस पाना चाहते है | आयुर्वेद में एसी बहुत सी जड़ी बूटियाँ है जिनका ...
Karanj in Hindi - वैदिक काल से ही करंज का इस्तेमाल आयुर्वेद चिकित्सा एवं धार्मिक कार्यों में किया जाता रहा है | आयुर्वेद में इससे कई औषध योगों एवं करंज के तेल ...
कनक चंपा को कठचंपा, कदियार, कर्णिकार एवं मुचकंद आदि नामों से भी जाना जाता है | यह अतिसुगंधित दिव्य स्वास्थ्य उपयोगी पौधा है , जिसका प्रयोग कफ, कुष्ठ, पेट के ...
नागरबेल को नागर बेल का पान, ताम्बुल या बंगला पान आदि नामों से भी जाना जाता है | साधारण भाषा में इसे पान कहते है जिसका प्रयोग हमारे भारत में कत्थे एवं चुने के ...
नौसादर एक सफ़ेद रंग का दानेदार लवण द्रव्य है | यह करीर और पीलू आदि वृक्षों के कोष्ठों को जलाने पर क्षार के रूप में प्राप्त होता है | इसे ईंटो के भट्टे से ...
कालमेघ जिसे हम ग्रीन चिरायता या Green Chireta भी कहते है | यह एक पुरातन भारतीय औषधीय पौधा है जिसका इस्तेमाल प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणालियों में लम्बे समय ...
वैदिक काल से ही गुग्गुल के बारे में वर्णन मिलता है | वैदिक काल में इसे धुप आदि करने एवं सुगन्धित द्रव्य के रूप में प्रमुखता से धार्मिक अनुष्ठानो में प्रयोग का ...