गाल ब्लैडर स्टोन (पित्त की पथरी): 5 विश्वसनीय आयुर्वेदिक दवा, सर्जरी की नहीं पड़ेगी जरूरत

Gall Bladder Stone: पथरी होना एक आम समस्या है, लेकिन गाल ब्लैडर या पित्त की पथरी बहुत पीड़ा पहुंचाने वाली कंडीशन है। गाल ब्लैडर जिसे पित्त की थैली भी कहते हैं, हमारे लिवर के पास पाया जाने वाला एक छोटा सा अंग है जिसका कार्य पाचन रस बनाना है। पित्ताशय का प्रमुख कार्य इस पाचन रस को पित्त की नली से छोटी आंत में निकालना होता है। जब इस नली में पथरी बन जाती है तो उसे Gall Bladder Stone कहते हैं। अगर समय रहते इसका आयुर्वेदिक इलाज नहीं किया जाए तो ऑपरेशन की जरूरत बन जाती है, जो बहुत कॉप्लिकेटेड समस्या है।

आयुर्वेद में बहुत सी चमत्कारी दवा मौजूद हैं जो ऐसी बीमारियों में बहुत कारगर होती हैं। गॉल ब्लैडर स्टोन (Gall Bladder Stone) के लिए भी बहुत चमत्कारी दवा आयुर्वेद में मौजूद हैं। इस लेख में हम ऐसी ही पांच (आयुर्वेदिक गॉल ब्लैडर स्टोन मेडिसिन) दवाओं के बारे में जानकारी देंगे।

गॉल स्टोन्स क्या होता है, पित्ताशय की पथरी के बारे में जरूरी बातें।

पित्ताशय जैसा नाम से पता चल रहा है, यह वह जगह है जहां पर पित्त को एकत्रित किया जाता है। शरीर में पाचन के लिए बनने वाले आवश्यक द्रव्य को सुरक्षित रखने के लिए गॉल ब्लैडर सबसे प्रमुख अंग है। जब पाचन द्रव्य में मौजूद चीनी नमक कोलेस्ट्रोल बिलीरुबिन और कुछ अन्य माइक्रोन्यूट्रिएंट्स छोटे-छोटे टुकड़ों एकत्रित होकर पत्थर जैसे बन जाते हैं तो उन्हें गॉल स्टोंस कहा जाता है। यूं तो पित्त की पथरी आम समस्या है लेकिन विशेष कंडीशन में इसकी वजह से ज्वाइंडिस और पेनक्रिएटाइटिस नामक गंभीर समस्या भी हो सकती है।

Gall Bladder Stone

Gall bladder stone का इलाज इसलिए भी बहुत जरूरी है क्योंकि यह बहुत अधिक पीड़ादायक होता है। पित्ताशय की पथरी से होने वाला दर्द असहनीय होता है। अगर समय पर पित्त की पथरी का आयुर्वेदिक इलाज ना किया जाए तो यह समस्या गंभीर हो जाती है। पथरी बड़ी हो जाने पर या इंफेक्शन की स्थिति में ऑपरेशन करना अनिवार्य हो जाता है। बिना ऑपरेशन के गाल ब्लैडर स्टोन को निकालने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का सहारा लिया जाता है। आगे इस लेख में हम आपको ऐसी ही चमत्कारी पांच आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका उपयोग करके बिना ऑपरेशन के पित्त की पथरी निकाली जा सकती है।

ये हैं वो 5 विश्वसनीय आयुर्वेदिक दवा, बिना ऑपरेशन के निकाल देती हैं गॉल ब्लैडर स्टोन

स्टोन चाहे किडनी में हो या गॉलब्लैडर में, बहुत भयानक दर्द पैदा करता है। Pitt ki pathri से होने वाला दर्द सहन कर पाना मुश्किल होता है। ऐसे तो आयुर्वेद में बहुत सारी जड़ी बूटियां और दुआएं हैं जिनका उपयोग पथरी की समस्या के लिए किया जा सकता है। लेकिन कुछ दवाई ऐसी होती है जिनका असर दूसरी दवाओं के मुकाबले बहुत अधिक होता है। ऐसी ही पांच विश्वसनीय और प्रभावशाली दवाओं की जानकारी इस लेख में दे रहे हैं।

Gall Bladder Stone (पित्त की पथरी) निकालने वाली 5 चमत्कारी आयुर्वेदिक दवा

  • पाषाण भेद या पत्थरचटा
  • वरुणादि क्वाथ
  • गोक्षुरादि वटी
  • पुनर्नवादी क्वाथ
  • त्रिविक्रम रस

पाषाण भेद से निकल जायेगी पित्त की पथरी (गॉल स्टोन्स), ऐसे करें उपयोग

दोस्तों पाषाणभेद एक ऐसी चमत्कारिक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसका उपयोग सदियों से ही पथरी निकालने के लिए किया जाता रहा है। अगर आप एक की पथरी से परेशान है तो पाषाणभेद को पीसकर गुनगुने पानी के साथ में सुबह शाम पीना चाहिए। इससे गॉलब्लैडर में मौजूद पत्थर धीरे-धीरे कटने लग जाएगी। आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से पथ्य अपथ्य के अनुसार नियमित रूप से इस दवा का सेवन करने पर गाल स्टोंस की समस्या दूर हो जाती है।

वरुणादि क्वाथ: बड़ी आसानी से कट कर निकल जायेगी पित्त की पथरी, इस तरह सेवन करें

वरुण औषधीय गुणों वाला पौधा है। खासकर यूरिनरी सिस्टम के लिए तो वरुण बहुत ही अधिक फायदेमंद होता है। Pathri ki samasya के लिए फिर चाहे वह गॉल ब्लैडर की हो, किडनी की या कहीं और, वरुण और इससे बनी आयुर्वेदिक दवा बहुत प्रभावशाली होती है। वरुणादी क्वाथ, वरुण छाल और अन्य आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से मिलकर बनता है। इसका उपयोग करके पित्त की पथरी को गलाया जा सकता है।

वरुणादि क्वाथ को पानी में उबाल कर इसका काढ़ा बना कर सुबह शाम पीने से गॉल स्टोन गलने लग जाता है। अगर सही खान पान के साथ इसका सेवन नियमित रूप से किया जाए तो महीने भर में आपकी पित्त की पथरी खत्म हो जाएगी।

गोक्षुरादि वटी का सेवन करने से हो जाएगा पित्त की पथरी का इलाज

अंग्रेजी दवाओं के दुष्प्रभाव की वजह से, लोगो का विश्वास आयुर्वेदिक दवाओं में फिर से बढ़ने लग गया है। Pathri जैसी समस्या के लिए सभी आयुर्वेदिक इलाज करवाने का ही सोचते हैं। गॉल ब्लैडर स्टोन इस समस्या में गोक्षुरादि वटी बहुत कारगर है। इस आयुर्वेदिक दवा में गोखरू प्रमुख द्रव्य होता है। गोखरू का उपयोग प्राचीन काल से ही किडनी और पित्ताशय की समस्याओं के लिए किया जाता रहा है।

पित्ताशय की पथरी को निकालने के लिए गोक्षुरादि वटी का सेवन करना चाहिए। इसकी एक एक गोली वरुणादि क्वाथ या पुनर्नवादि क्वाथ के साथ देने पर गाल ब्लैडर स्टोन बहुत जल्दी जल्दी कटने लग जाता है। अगर आपको यह समस्या है और आप पित्त की पथरी के दर्द से परेशान हैं तो गोक्षुरादि वटी का सेवन डॉक्टर की सलाह से कर सकते हैं।

पुनर्नवादी क्वाथ: पित्त की पथरी निकालने की सबसे प्रभावशाली आयुर्वेदिक दवा

गोखरू और वरुण की तरह पुनर्नवा जड़ी बूटी का उपयोग भी पथरी की समस्या के लिए किया जाता है। यह जड़ी बूटी कुछ खास औषधीय गुणों से युक्त है, इसी वजह से प्राचीन काल से ही इसका उपयोग पथरी और यूरिनरी सिस्टम की अन्य समस्याओं के लिए बनने वाले दवाओं में किया जाता रहा है। पुनर्नवादि क्वाथ पुनर्नवा जड़ी बूटी से बना आयुर्वेदिक काढ़ा है जिसका उपयोग पित्त की पथरी को गलाने के लिए किया जाता है।अगर आपको बहुत दिनों से पित्त की पथरी की समस्या है तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से पुनर्नवादि क्वाथ का सेवन करना शुरू कर देना चाहिए। ऐसा करके Pitt ki pathri को खत्म किया जा सकता है।

गाल ब्लैडर स्टोन को खत्म करने के लिए त्रिविक्रम रस का उपयोग करना बहुत फायदेमंद है, सेवन की विधि पढ़ें

दोस्तों त्रिविक्रम रस से रस रसायन प्रकरण की आयुर्वेदिक औषधि है। इसका उपयोग यूरिनरी सिस्टम और ब्लड पुरीफिकेशन के लिए किया जाता है। पथरी को गलाने में भी यह दवा सक्षम है। गाल ब्लैडर की समस्या में त्रिविक्रम रस बहुत फायदेमंद होता है। अगर आप भी पित्त की पथरी की समस्या से परेशान है तो आयुर्वेदिक डॉक्टर को दिखाकर त्रिविक्रम रस का सेवन करना शुरू कर सकते हैं।

बिना ऑपरेशन के Gall Bladder Stone को निकालने के लिए त्रिविक्रम रस का सेवन करना चाहिए। यह आयुर्वेदिक दवा टेबलेट फॉर्म में आती है। इसकी एक-एक Goli सुबह शाम वरुणदि क्वाथ या नींबू के रस के साथ सेवन करना बहुत गुणकारी है, इससे पित्त की पथरी गल कर निकल जाती है।

दोस्तो, गालब्लेडर स्टोन यानी पित्त की पथरी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर सही समय पर इसका इलाज नहीं कराया जाए तो की वजह से पित्ताशय में इन्फेक्शन, पेनक्रियाज की समस्या और पित्ताशय का कैंसर भी हो सकता है। इसलिए सही समय पर आयुर्वेदिक चिकित्सक को दिखाकर इन दवाओं का सेवन शुरू कर देना चाहिए। देरी करने पर पित्त की पथरी को निकालने के लिए ऑपरेशन की जरूरत होगी, जो की बहुत नुकसानदायक होता है।

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