ध्यान योग (मैडिटेशन) के फायदे: मन, मस्तिष्क एवं शरीर होगा स्वस्थ

ध्यान योग जिसे आप मैडिटेशन के नाम से भी जानते है । इस योग को साधू, संत एवं आम जन सभी कर सकते है । यह विश्राम की एक अवस्था है जिसे करते समय अपने इष्ट या किसी जगह अपना ध्यान एकाग्र किया जाता है । वैसे यह एकाग्रता नहीं है बल्कि विश्राम प्राप्त करने एवं साधू संतों के लिए मोक्ष प्राप्ति का एक साधन है ।

आज के इस लेख में हम आपको ध्यान योग (Meditation) के बारे में जानकारी देंगे | यहाँ आपको ध्यान योग का अर्थ, ध्यान योग कैसे करना चाहिए, ध्यान करने के फायदे एवं सावधानियों के साथ – साथ इसकी विधि एवं अन्य सभी जानकारियों से अवगत करवाएंगे ।

ध्यान योग

तो चलिए सबसे पहले जानते है ध्यान योग की परिभाषा या इसका अर्थ एवं महत्व के बारे में

ध्यान योग का अर्थ | Meaning of Dhyana Yoga (Meditation)

मन का एक सा बना रहना अर्थात वृति का एक सा बना रहना ध्यान है । दुसरे शब्दों में कहें तो ध्यान मन के ठहराव (चंचलता का आभाव / lack of agility) की एक अवस्था है । ध्यान में चित्त वृति का निरोध होता है । जहाँ पर राग – द्वेष का अभाव हो जाता है एवं रजोगुण और तमोगुण शून्य हो जाएँ | चित्त की चौथी अवस्था एकाग्रवस्था एवं सतगुण प्रबल हो जाएँ वह ध्यान योग है ।

इस अवस्था में मन में अहंकार, राग, द्वेष सब खत्म हो जाते है एवं व्यक्ति परमात्मा की सरण एवं सेवा में समर्पित हो जाता है । अर्थात ध्यान योग का अर्थ होता है – वृतियों का एक सा बना रहना एवं मन का एकाग्र होना –

तत्र प्रत्ययेकतानता ध्यानम |

(प. यो. द. 3/2)

प्रणीधानम चित्त एकाग्रमिदम ।

न्यास सूत्र वृति (श्री विश्वनाथ)

ध्यान योग की विधि | How to do Meditation Yoga

Meditation अर्थात ध्यान योग करने की विभिन्न विधियाँ है । यहाँ हम आपको सबसे प्रचलित विधि के बारे में बताने जा रहें हैं । वैसे ध्यान करने की विधियों के बारे में हमारे धर्म ग्रंथो में प्रचुरता से जानकारी मिलती है । भगवान शिव ने पार्वती को ध्यान योग की 112 विधियाँ बताई थी ।

आप सभी जानते हैं कि भगवान शिव सबसे बड़े ध्यानी हैं । उनसे बड़ा योगी कोई नहीं है । इनके अलावा भी बहुत से ऋषि – मुनियों ने भी ध्यान योग की विभिन्न विधियाँ बताई है ।

ध्यान योग की प्रथम विधि: श्वसन ध्यान

  • सबसे पहले सिद्धासन में बैठ जाएँ ।
  • अब अपने अन्दर की वायु को गहराई से बाहर निकाल दें ।
  • अब आंखे बंद करके गहरे गहरे श्वांस ले ।
  • अपने शरीर के सभी तनाव हटा दें एवं बिलकुल शांत हो जाएँ ।
  • अब महसूस करें की आपका शरीर एवं मन पूर्णत: शांत हो रहा है ।
  • ऐसा प्रतिदिन करने से ध्यान योग जाग्रति होने लगता है ।
  • यह योग की प्रथम विधि है

ध्यान योग की दूसरी विधि: भृकुटी ध्यान

  • यह विधि सबसे अधिक की जाने वाली ध्यान योग की विधि है ।
  • इसमें योगी को अपने भौंहों के बीच भृकुटी पर ध्यान लगाना होता है ।
  • सबसे पहले सुखासन में बैठ जाएँ ।
  • अपने मन को शांत करने की कोशिश करें ।
  • अब अपने अन्दर की वायु बाहर निकाल दें ।
  • आँखे बंद करें ।
  • आंखे बंद करके दोनों आँखों के बीच में ध्यान लगाने की कोशिश करें ।
  • यहाँ आपको अंधकार दिखाई देगा ।
  • प्रथम कुछ दिनों तक अंधकार ही दिखाई देगा लेकिन नियमित करने से धीरे – धीरे यहाँ भृकुटी में आपको रौशनी दिखाई पड़ेगी ।
  • इस ध्यान योग को भृकुटी ध्यान विधि कहते है अधिकतर लोग इसे करते है ।

ध्यान योग के फायदे एवं स्वास्थ्य लाभ | Benefits of Meditation

ध्यान योग के अध्यात्मिक फायदों के अलावा शारीरिक फायदे भी हैं । अगर आप नित्य ध्यान को अपने जीवन में अपनाते है तो निश्चित ही बहुत से शारीरिक लाभ भी देखने को मिलते है । ध्यान मन, मष्तिस्क एवं शरीर को स्वस्थ करने का एक रामबाण उपाय है | साधू संत ध्यान को अपनाकर अपने विकारों को दूर करते है एवं फिर समाधि की तरफ बढ़ते हैं ।

ध्यान से मन में एकाग्रता:

चंचल मन को शांत करने एवं एकाग्रता बढ़ाने के लिए ध्यान योग बहुत फायदेमंद है । नियमित ध्यान को अपनाने से मन शांत होता है एवं मन का चंचल स्वाभाव ठीक होता है । चित्त की वृतियों शुद्ध होकर मनुष्य अपने मन को शांत कर सकता है । मन शांत होने से अध्यात्मिक के साथ – साथ सामाजिक लाभ भी मिलते है । अत: मैडिटेशन करने से मन को नियंत्रित किया जा सकता है ।

मानसिक विकारों से छुटकारा:

ध्यान को नियमित अपनाने से मष्तिस्क के विकार दूर होते हैं | क्योंकि एकाग्रता बढ़ने एवं मानसिक शांति होने से मष्तिस्क के विकार जैसे बैचेनी, अवसाद, अधिक चिंतन एवं नेगटिव विचारों से छुटकारा मिलता है । अत: ध्यान को अपनाकर आप मानसिक विकारों से मुक्ति पा सकते है । क्योंकि ध्यान योग मष्तिस्क के विकारों के लिए बहुत ही फायदेमंद योग है ।

दमा एवं श्वसन विकारों में फायदेमंद:

अस्थमा एवं अन्य श्वसन विकारों में ध्यान योग अपनाने से लाभ मिलता है । श्वसन को नियंत्रित करने वाले ध्यान योग को नियमित अपनाकर दमा रोगी अपने रोग में आराम प्राप्त कर सकता है । साथ ही श्वसन एवं दमा रोगों के कारण होने वाले मानसिक अवसाद से भी इस योग की सहायता से लाभ मिलता है ।

डिप्रेशन से छुटकारा:

Depression की समस्या में ध्यान योग अपनाना अत्यंत लाभदायक साबित होता है । क्योंकि तनाव की स्थिति मन एवं मष्तिस्क के बैचेन होने एवं अन्य मानसिक कारणों के कारण जन्म लेती है । अत: ध्यान योग को अपनाकर आप इन परिस्थितियों से बच सकते है । ध्यान योग नियमित करने से मन एवं मष्तिस्क बलवान बनता है एवं depression से छुटकारा मिलता है ।

अनिद्रा रोग में ध्यान योग के फायदे:

नींद न आना अर्थात अनिद्रा रोग विभिन्न कारणों से हो सकता है । इस स्थिति में ध्यान योग को अपनाकर अनिद्रा से छुटकारा पाया जा सकता है । ध्यान योग में बैठने से मानसिक तनाव हटता है एवं एकाग्रता बढती है जिससे व्यक्ति शांत मन से नींद लेता है । अगर आप भी अनिद्रा से ग्रषित है तो कुछ दिनों के लिए ध्यान योग (Dhyana Yoga) को अपनाकर देखें आपको नींद लेने के लिए किसी दवा की आवश्यकता नहीं होगी ।

ध्यान योग के अध्यात्मिक फायदे:

अगर आप आध्यात्मिकता में जाना चाहते है तो आपको मैडिटेशन का सहारा लेना चाहिए | साधू महात्मा अध्यात्मिकता के लिए ध्यान योग को अपनाते हैं । यह योग आत्मा से परमात्मा के मिलन का एक द्वार हैं । नियमित ध्यान करने से मनुष्य में अध्यात्म में मन बढ़ता है जिसके एक साधक के लिए सार्वभौमिक लाभ है ।

शारीरिक रोग एवं शौक में ध्यान योग के फायदे:

शारीरिक रोग एवं शौक इन दोनों की उत्पति शरीर में या मन मष्तिस्क में होने वाली किसी विकार के कारण होती है । ध्यान योग मष्तिस्क एवं मन को बलवान एवं उर्जा देता है । साथ ही जहाँ शरिर में रोग है उसे ठीक करने का कार्य भी करता है । क्योंकि इस योग को अपनाने से व्यक्ति में विश्वास एवं सकारात्मकता बढती है । जिससे किसी भी रोग को ठीक किया जा सकता है । अत: शारीरिक रोगों एवं मानसिक आघात को ठीक करने के लिए ध्यान योग एक अत्यंत मूल्यवान योग है ।

स्वयं को जानने में फायदेमंद:

ध्यान योग स्वयं को जानने का एक द्वार है । क्योंकि योग हमारे मन, मष्तिस्क एवं शरीर में एक लयात्मक परिक्रिया को जन्म देता है । जिससे हमारे स्वयं को जानने के द्वार खुल जाते हैं । व्यक्ति ध्यान योग से अपने आप को जान सकता है । हालाँकि हम ये सोचते हैं कि इसमें ध्यान योग की क्या आवश्यकता क्योंकि प्रत्येक मनुष्य अपने बारे में सब कुछ जनता है । लेकिन यह हमारा भ्रम है हम अपने आप को भी बाहरी तौर पर ही जानते है जब आप ध्यान योग अपनाएंगे तो आपका आन्तरिक स्वयं प्रकट होगा ।

निर्णय लेने की क्षमता का विकास:

वर्तमान समय की सबसे बड़ी व्यथा है कि व्यक्ति अपने आप से सम्बंधित या अन्य किसी प्रकार का निर्णय लेने में असक्षम होता है । परन्तु ध्यान योग को नियमित अपनाने से आपमें निर्णय लेने की क्षमता बढ़ जाती है । क्योंकि इससे हमें अपना हित एवं अहित दोनों का ज्ञान निश्चित रूप से हो जाता है ।

स्मरणशक्ति बढ़ाने में ध्यान के फायदे:

स्मरणशक्ति बढ़ाने के लिए आपको किसी प्रकार की दवाओं की आवश्यकता नहीं है । अगर आप काम के तनाव, व्यस्तता के कारण बातों को भूलने लगे हैं तो इसके लिए ध्यान योग अपनाना फायदेमंद है । क्योंकि बिना किसी प्रकार की दवाओं के यह योग आपमें Memory Power को बढ़ाने का कार्य करता है ।

ध्यान योग की सावधानियां

इस योग में कुछ ज्यादा सावधानियां नहीं हैं । क्योंकि यह सुखासन में बैठकर किये जाने वाला योगासन है । परन्तु फिर भी ध्यान योग को पूर्णत: सही तरीके से करने के लिए इन बातों का ध्यान रखना चाहिए

  1. हमेंशा एकांत में ध्यान योग को करें ।
  2. ध्यान योग के लिए उस जगह का चुनाव करें जहाँ शोर शराबा कम हो ।
  3. ध्यान योग में बैठने से पूर्व शौचादि से निवृत होलें ताकि ध्यान के समय परेशानी न हो ।
  4. अगर आप ध्यान योग को किसी बगीचे या एसी जगह कर रहें है तो अपने नजदीकी स्थान की जाँच करलें कि किसी जंगली कीड़े मकोड़े या जानवरों का बसेरा न हो ।
  5. ध्यान योग करने के लिए ब्रह्म मुर्हुत सबसे उत्तम माना जाता है ।
  6. अगर आप साक्षी ध्यान कर रहें हैं तो इसमें भी सोर सराबे से दूर स्थान को चुनना लाभकारी है ।
  7. ज्योतिर्ध्यान करने के लिए भी एकांत स्थान सर्वोपरि है ।

सामान्य सवाल – जवाब ध्यान योग से सम्बंधित | FAQs

ध्यान योग क्या है?

ध्यान योग, योग का ही एक प्रकार है । इसे मैडिटेशन भी कह सकते है ।

ध्यान योग का अर्थ एवं महत्व क्या है ?

ध्यान योग का अर्थ है चित्त की वृतियों का एक सा बना रहना । इसका महत्व मन, मष्तिस्क एवं शरीर को स्वस्थ करने में प्रमुख है । व्यक्ति ध्यान के द्वारा मन को एकाग्र कर सकता है ।

ध्यान योग कौन कर सकता है ?

इस योग को बड़े बुजुर्ग, युवा, महिला, बच्चे एवं साधक सभी कर सकते है । ध्यान योग को करने के लिए किसी भी प्रकार का बंधन नहीं है ।

ध्यान योग को कितनी देर करना चाहिए ?

ध्यान को नियमित कम से कम 15 मिनट के लिए करना चाहिए | यह समय अवधि अपनी सामर्थ्य अनुसार बढाई भी जा सकती है ।

ध्यान योग कितने प्रकार का है ?

ध्यान तीन प्रकार का होता है – 1. श्थूल योग 2. ज्योतिर्ध्यान योग एवं 3. सूक्ष्म ध्यान

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