एलर्जी की 10 प्रशिद्ध आयुर्वेदिक दवाइयां एवं सरल घरेलु इलाज

एलर्जी की 10 प्रशिद्ध आयुर्वेदिक दवाइयां एवं सरल घरेलु इलाज

नाक से छींके आना व खुजली, आँखों में खुजली के साथ पानी पड़ना एवं स्वांस लेने में दिक्कत होना ये सभी नाक की एलर्जी के लक्षण होते है | आज के प्रदूषित वातावारण में इस प्रकार की एलर्जी से प्रत्येक परिवार में कोई न कोई जरुर प्रभावित होता है | जैसे – जैसे मौसम चेंज होता है, वैसे – वैसे ही इस रोग के रोगियों में इजाफा होने लगता है | चिकित्सकों के पास एलर्जी से पीड़ितों की भारी भीड़ इक्कठा रहती है | अंग्रेजी दवाओं से इस रोग में कोई प्रभावी असर नहीं दिखाई पड़ता, जब तक दवा का असर है आप ठीक है जैसे दवा ने असर करना बंद किया रोगी फिर से एलर्जी की चपेट में आ जाता है | आयुर्वेद चिकित्सा में एलर्जी को प्रतिश्याय के नाम से जानते है जो एक प्रकार के नजले का ही रूप है | एलर्जी के इलाज के लिए आयुर्वेद में बहुत सी दवाएं एवं उपचार उपलब्ध है जिनको नियमित अपना कर आप इस रोग से छुटकारा पा सकते है | महत्वपूर्ण बात है कि इन दवाओं एवं उपचार के तरीकों से कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होते है | आज इसी कड़ी में हम लेकर आये है कुच्छ आयुर्वेदिक दवाएं जिनका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सक एलर्जी के रोग में रोगी को बताते है | साथ ही इन दवाओं के अलावा आयुर्वेद चिकित्सा में बहुत सी शरीर शोधन की विधियाँ है, जिनसे एलर्जी पर प्रभावी रूप से रोक लगाई जा सकती है – जैसे पंचकर्म, नस्य, जलनेति, धूमपान आदि, लेकिन यह एक अलग विषय है | यहाँ हम एलर्जी में उपयोगी आयुर्वेदिक दवाओं एवं घरेलु इलाज के बारे में ही विस्तार से जानेंगे |

एलर्जी की आयुर्वेदिक दवा / Ayurvedic Medicine For Allergy 

1. षड्बिन्दु तेल

एलर्जी की आयुर्वेदिक दवा
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जल भांगरा, तिल तेल, एरंडमूल एवं रास्ना आदि औषध द्रव्यों से तैयार होने वाला यह तेल प्रतिश्याय, शिर: शूल एवं पीनस में अति उपयोगी औषधि है | एलर्जी के इलाज में षड्बिन्दु तेल का नस्य (नाक में औषध डालना) फायदेमंद होता है | आयुर्वेद में षड्बिन्दु तेल को एलर्जी , साइनस आदि की मुख्य दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है | पंचकर्म चिकित्सा पद्धति में भी एलर्जी के शमनार्थ षड्बिन्दु तेल का नस्य करवाया जाता है | बाजार में यह आयुर्वेदिक तेल सभी कम्पनियाँ जैसे – पतंजलि, डाबर, बैद्यनाथ, मोहता, धुतपापेश्वर आदि का आसानी से उपलब्ध है |

2. दिव्या श्वासारी क्वाथ

एलर्जी की दवा
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वासा, शुंठी, कटेली एवं पिप्पली आदि औषध द्रव्यों से निर्मित यह क्वाथ एलर्जी , श्वांस, कास एवं इनसे सम्बंधित सभी रोगों के लिए अत्यंत उपयोगी है | इसके सेवन से शरीर से कफ का शमन होता है एवं रोगी को श्वास लेने में आसानी होती है साथ ही बढे हुए कफ के संतुलित होने से एलर्जी में भी आराम मिलता है | क्वाथ का प्रयोग 10 ग्राम की मात्रा में 300 मिली. जल में उबाल कर जब आधा बचे तब करना चाहिए | अगर लेने में परेशानी हो तो क्वाथ के ठंडा होने के बाद इसमें शक्कर या शहद को मिलाया जा सकता है |

3. सितोपलादि चूर्ण

सितोपलादि चूर्ण प्रतिश्याय
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वंशलोचन, पीपल, दालचीनी एवं इलायची आदि औषध द्रव्यों से इस चूर्ण का निर्माण किया जाता है | एलर्जी की समस्या में सितोपलादि चूर्ण का सेवन आयुर्वेदिक चिकित्सक करवाते है | यह प्रतिश्याय, श्वास, कास एवं क्षय रोग आदि में लाभदायक होता है | इसका सेवन 1 से 2 ग्राम शहद या चिकित्सक के परामर्शानुसार करना चाहिए |

4. चित्रक हरीतकी अवलेह

चित्रक हरीतकी अवलेह

आयुर्वेद चिकित्सा में अवलेह औषधियां भी अत्यंत लाभदायक मानी जाती है | अवलेह को आप च्यवनप्राश की तरह मान सकते है | इनका रूप एकसा होता है बस निर्माण में औषध द्रव्यों की भिन्नता होती है | चित्रक हरीतकी अवलेह के सेवन से एलर्जी, शिर: शूल एवं अस्थमा जैसे रोगों से छुटकारा मिलता है |

5. महालक्ष्मी विलास रस (स्वर्ण युक्त)

लक्ष्मी विलास रस

स्वर्ण, अभ्रक, वंग भस्म एव, शुद्ध गंधक आदि धातुओं के योग से इसका निर्माण किया जाता है | यह एलर्जी, जीर्ण ज्वर, कास, कंठ रोग एवं कफ प्रधान सभी रोगों में काफी लाभदायक होता है | इसका सेवन चिकित्सक के परामर्शानुसार करना चाहिए | अनुपान के रूप में शहद का उपयोग किया जाता है |

6. श्रन्ग्राभ्र रस

अभ्रक भस्म, कर्पुर, जावित्री एवं लौंग आदि औषधियों के योग से निर्माण होता है | एलर्जी, श्वास, कास, खांसी, जुकाम एवं जीर्ण ज्वर आदि में उपयोगी औषधि है | सभी प्रकार के रस औषधियों का सेवन चिकित्सक की देख रेख में करना चाहिए |

7. त्रिभुवन कीर्ति रस

tribhuvan kirti ras in hindi
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इस आयुर्वेदिक दवा का उपयोग भी एलर्जी में लाभदायक होता है | दवा को शुद्ध हिंगुल, पिप्पली, सोंठ, कालीमिर्च एवं निम्बू रस आदि के इस्तेमाल से बनाया जाता है | यह औषधि भी एलर्जी, श्वास, खांसी, पीनस एवं पुराने जुकाम की प्रशिद्ध औषधि है | इस दवा का सेवन 1 – 1 गोली शहद के साथ अपने चिकित्सक की देख रेख में करना चाहिए |

8. अभ्रक भस्म

अभ्रक भस्म के सेवन से शरीर में स्थित दूषित रक्त का शोधन होता है | एलर्जी में भी रक्त की अशुद्धि एक प्रमुख कारण होती है | यह श्वास, कास, प्लीहा रोग एवं प्रतिश्याय में काफी उपयोगी औषधि है लेकिन ध्यान देने योग्य बात है कि रस एवं धातु आदि से निर्मित औषधियों का सेवन बैगर चिकित्सक के नहीं करना चाहिए अन्यथा ये नुकसान दाई हो सकते है |

9. हरिद्रा खंड

हरिद्रा खंड

हल्दी, निशोथ, हरड आदि द्रवों के इस्तेमाल से इसका निर्माण होता है | यह आयुर्वेदिक दवा नजला, पीनस, श्वास एवं रक्तशोधन की उत्तम दवा है | एलर्जी में इसका सेवन रात में सोते समय दूध के साथ 5 ग्राम की मात्रा में किया जाना फायदेमंद रहता है |

10. मृत्युंजय रस

एलर्जी, खांसी, जुकाम एवं श्वास रोगों में अत्यंत फायदेमंद औषधि है | इस दवा को कालीमिर्च, छोटी पिप्पल, शु. गंधक, शु. हिंगुल आदि के योग से बनाया जाता है | एलर्जी में दवा का सेवन 1 से 2 गोली शहद के साथ या चिकित्सक के परामर्शानुसार लिया जाना चाहिए | किसी भी रोग के उपचार में कोई एक दवा कार्य नहीं करती , बल्कि अलग – अलग दवाओं के योग से उस रोग का उपचार किय जाता है | अत: किसी भी दवा के सेवन से पहले चिकित्सक से परामर्श कर लेना चाहिए |

एलर्जी में उपयोगी अन्य घरेलु इलाज 

  1. नाक की एलर्जी का सबसे अच्छा इलाज – बचाव होता है | एलर्जी आपको किन कारणों से होती है उन सभी कारणों से बचाव करें | ताकि नाक से पानी आना, छींके आना आँखों में खुजली आदि की समस्याओं से बचा जा सके |
  2. मौसम परिवर्तन के समय होने वाली एलर्जी से बचने के लिए ऋतू के अनुसार आहार – विहार का सेवन | अधिकतर मामलों में सबसे पहले जुकाम लगती है जो बाद में नाक की एलर्जी का कारण बनती है |
  3. अगर आप एलर्जी से ग्रषित हो गए है तो तुलसी की चाय बना कर सेवन करें | ताजा तुलसी की 10 पतियाँ, 2 ग्राम ताजा अदरक, काली मिर्च आदि को 200 मिली. पानी में उबाले जब पानी अध बचे तब इसे छान कर सेवन करें | एलर्जी में आराम मिलेगा |
  4. अगर एलर्जी के कारण नाक बंद हो गई है तो एक पोटली में अजवायन डालकर इसे तवे पर गरम करते रहें | गरम – गरम अजवायन को सूंघने से बंद नाक खुल जाएगी |
  5. अगर नाक से छींके और पानी न रुक रहा हो तो थोड़ी देर मुंह पर सूती कपडा डालकर सीधे सो जाएँ , थोडा आराम मिलेगा |
  6. घर पर हिंग आसानी से मिल जाती है , अत: हिंग को पानी में घोल कर विक्स की तरह बार – बार सूंघे | आराम मिलेगा |
  7. नाक के अन्दर कडू तेल को लगायें , एलर्जी में आराम मिलेगा |
  8. अगर घर पर दालचीनी एवं जायफल उपलब्ध हो तो दोनों को बारीक़ पीसकर चूर्ण बना कर 1 चम्मच की मात्रा में सेवन करें | एलर्जी से रहत मिलेगी |
  9. जायफल को पानी में घिस कर माथे एवं नाक पर लगायें सिरदर्द एवं छींको के साथ बह रहे पानी से राहत मिलेगी |
  10. कलौंजी के चूर्ण की पोटली बना कर भी सूंघना लाभदायक होता है |

अगर आप लम्बे समय से नाक की एलर्जी से परेशान है तो किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक  से सम्पर्क करें एवं पंचकर्म के माध्यम से रोग को ठीक करवाने की कोशिश करें | पंचकर्म की विधाओं जैसे नस्य, बस्ती एवं वमन – विरेचन से इस रोग को लम्बे समय तक के लिए समाप्त किया जा सकता है |धन्यवाद |

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