जानें लू लगने के लक्षण , कारण एवं घर पर करें लू लगने का इलाज

लू लगना  – गर्मियों में सम्पूर्ण भारत में तीव्र गर्मी पड़ती है | सूर्य की किरणें सीधी एवं हवाएं गरम होती है , ऐसे में जब कोई व्यक्ति बिना सुरक्षा एवं बचाव के इस गर्मी के सम्पर्क में आता है तो उसके शरीर का तापमान अचानक से बढ़ जाता है एवं वह तीव्र ज्वर से पीड़ित हो जाता है | जिसे लू लगना कहते है |

लू लगने के लक्षण

लू क्या है ?

पश्चिमी राजस्थान में गर्मियों के मौसम में तेज गरम हवाएं चलती है जिसे साधारण भाषा में “लू” चलना कहते है | लेकिन वर्तमान में प्राय: भारत के अधिकतर राज्यों में गर्मी इतनी तीव्र पड़ती है की यह एक साधारण शब्द हो गया है |

लू लगने से अधिकतर बच्चे एवं बूढ़े व्यक्ति जो हृदय की समस्या या उच्चरक्त चाप की बीमारी आदि से ग्रषित होते है वे प्रभावित होते है | युवा व्यक्ति भी जो शराब का सेवन करके गरम हवाओं के सम्पर्क में आजाए, बिना कुछ खाए – पिए घर से निकले, पानी की कमी एवं शारीरिक दुर्बलता आदि के कारण लू की चपेट में आ सकते है |

लू लगने के कारण

  • तीव्र एवं गरम हवाओं के सीधे सम्पर्क में आना |
  • तीव्र गर्मी में भूखे पेट रहना |
  • पानी कम पीना |
  • बिना सिर ढके धुप में जाना |
  • तेज गरम हवाओं के थपेड़े सहना |
  • तीव्र गर्मी में शारीरिक श्रम करना |
  • दोपहर की तेज गर्मी के समय हवा का बंद हो जाना एवं इस समय धुप में चलना, घूमना या धुप के सम्पर्क में थोड़े समय के लिए आना भी लू लगने की समस्या खड़ी कर सकता है |
  • धुप में काले रंग के वस्त्र पहनकर जाना |

इन सभी कारणों से कोई भी व्यक्ति लू की चपेट में आ सकता है |

लू लगने के लक्षण

गर्मी के चपेट में आते ही व्यक्ति में कई परिवर्तन देखने को मिलते है | इन लक्षणों को देख कर ही अंदाजा लगाया जा सकता है की व्यक्ति को लू लग गई है | लू की चपेट में आने पर व्यक्ति में निम्न लक्षण प्रकट होते है |

  • लू लगते ही व्यक्ति को तेज सिरदर्द होता है एवं आँखे लाल हो जाती है ; यह इसका शुरूआती लक्षण होता है |
  • चक्कर आने लगते है |
  • रोगी की नाडी गति तीव्र हो जाती है |
  • शरीर का तापमान बढ़ जाता है |
  • उल्टी एवं दस्त की समस्या हो जाती है |
  • कभी कभार व्यक्ति बेहोश भी हो जाता है |
  • बैचेनी एवं घबराहट होने लगती है |
  • साँस लेने में भी दिक्कत होती है |
  • अगर लू का असर कम है तो बार – बार पेशाब की पुनरावर्ती होती है |
  • त्वचा पसीने रहित होकर खुश्क एवं लाल हो जाती है |

लू लगने पर करें ये घरेलु इलाज 

लू का इलाज

सबसे पहले लू लगे व्यक्ति को ठन्डे स्थान पर विश्राम करने दे | रोगी के सिर पर ठन्डे पानी की पट्टी करें | बुखार तेज है तो बर्फ की पट्टी करें | अगर रोगी बेहोश हो गया हो तो मुंह पर ठन्डे पानी के छींटे दे और उसके कपड़ो को ढीला कर दें | तीव्र बुखार, बार – बार बेहोशी एवं अन्य गंभीर समस्या में चिकित्सक से सम्पर्क करना फायदेमंद होता है |

अगर रोगी की स्थिति में थोडा सुधार हो तो निम्न नुस्खों से भी लू का इलाज किया जा सकता है |

  • लू का असर दूर करने के लिए कच्चे आम का पन्ना (शर्बत) बनाकर रोगी को देना चाहिए | पन्ना बनाने के लिए कच्चे आम को भुनकर या तप्त राख में भुमल करके इसका रस निकाल ले | इस रस में थोडा जीरा, पुदीना एवं आवश्यकतानुसार खांड मिलाकर सेवन करवाएं | जल्द ही लू का असर खत्म होने लगेगा |
  • प्याज का रस निकाल ले , इसमें आवश्यकतानुसार मिश्री मिलाकर सेवन करवाने से लू की समस्या में राहत मिलती है |
  • पानी में चन्दन, खस एवं गुलाब जल मिलाकर रोगी को सेवन के लिए दें | लू लगना की समस्या में काफी आराम मिलता है |
  • चन्दन के तेल की एक बूंद दूध में डालकर रोगी को सेवन करवाने से चमत्कारिक लाभ मिलते है | अगर नियमित सेवन किया जाए तो लू के साथ – साथ गर्मी के सभी प्रकोप दूर होते है |
  • निम्बू की सिकंजी बना कर सेवन करवाएं | निम्बू सिकंजी की शीतलता लू लगने की समस्या में राहत देती है |
  • रात्रि के समय सौंफ को एक मिटटी की कुल्हड़ी में भिगों दे सुबह सौंफ को पीसकर इस पानी में मिश्री मिलाकर रोगी को सेवन के लिए दे | गर्मी की सभी समस्याओं में लाभ मिलता है |
  • धनिया को पानी में भिगो कर इसे मसल ले | इस पानी में मिश्री मिलकर सेवन करने से भी लू लगने की समस्या खत्म होती है |
  • रूहेफ्जा या चन्दन का शरबत रोगी को ठन्डे पानी से करवाने पर भी लाभ मिलता है |

एसे करे लू से बचाव 

गर्मियों में लू न लगे इसके लिए हरेक को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए | निम्न उपायों को अपनाने से लू से बचाव किया जा सकता है |

लू से बचाव

  1. तेज गर्मी में कभी भी घर से बिना खाए – पिए बाहर न जाएँ |
  2. हमेशां सिर को ढक कर रखे |
  3. अगर तेज गरम हवाएं (लू) चल रही हो तो पुरे शरीर को ढक कर रखें |
  4. लू से बचने के लिए खूब मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए | ; अर्थात शरीर में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए |
  5. अगर आप बुखार, उच्च रक्तचाप या हृदय विकार से पीड़ित है तो कभी भी सीधे दोपहरी की धुप में नहीं जाना चाहिए |
  6. गर्मियों में हमेशां सूती कपड़ों का इस्तेमाल करना चाहिए | गहरे या काले रंग से परहेज करें , क्योंकि ये रंग गर्मी को अधिक अब्सोर्व करते है |
  7. सड़कों पर या गरम रेत के रास्तों पर दोपहरी में पैदल न घुमे |
  8. गर्मियों में प्याज का सेवन करना चाहिए |
  9. अधिक अम्लीय एवं गरिष्ठ भोजन करके दोपहर में नहीं घूमना चाहिए |
  10. मिर्च – मसलों का प्रयोग गर्मियों में कम किया जाए तो फायदेमंद होता है |
  11. निम्बू पानी, रूहेफ्जा, पोदीने आदि का सेवन नियमित करना चाहिए |
  12. गर्मियों में दोपहर के समय शराब आदि नशीले पदार्थो का सेवन नहीं करना चाहिए |
  13. भरपूर पानी का सेवन करें |

 

 

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