ब्राह्मी चूर्ण – परिचय, निर्माण विधि और सेवन के फायदे

⇐ ब्राह्मी चूर्ण ⇒

ब्राह्मी (Bacapa monnieri) एक औषधिये पौधा है | जो मुख्य रूप से हमारे भारत में उपजाऊ मैदानों में उगता है | यह जमीन पर फ़ैल कर ही अपना आकर बढाता है , इसका तना और पतिया मुलायम होती है एवं इसके फुल सफ़ेद होते है | यह मुख्यतया नम: जगह पर ही मिलता है | ब्राह्मी को अन्य नामो से भी जानते है जैसे – सफ़ेद चमनी , सोम्यलता, वर्ण, निर्ब्रह्मी,घोल और जल ब्राह्मी आदि |
 
ब्राह्मी पूर्ण रूपेण औषधीय पौधा है जो नाड़ी दुर्बलता , कब्ज को दूर करने और रक्त को शुद्ध करने में कारगर साबित होती है | इसके अलावा ब्राह्मी बुद्धि और उम्र को बढाती है | यह रसायन के समान होती है | बुखार को ख़त्म करती है | याददास्त को बढाती है | सफ़ेद दाग, पीलिया , प्रमेह और मानसिक उन्माद को दूर करती है |

तो चलिए जानते है कैसे बनता है ब्राह्मी चूर्ण एवं क्या है इसके घटक द्रव्य

 
 

⇐ ब्राह्मी चूर्ण बनाने की विधि  ⇒

ब्राह्मी चूर्ण में प्रयुक्त औषध द्रव्य / घटक द्रव्य 
  1. ब्राह्मी – 20 ग्राम
  2. हरड  – 20 ग्राम
  3. विभितकी – 20 ग्राम
  4. मुंडी – 20 ग्राम
  5. आंवला – 20 ग्राम
ब्राह्मी चूर्ण बनाने के लिए सर्वप्रथम किसी भी पंसारी की दुकान से ब्राह्मी – सुखा आंवला – हरेड – बहेड़ा और मुंडी | इन सभी को 20 – 20 ग्राम की मात्रा में खरीद ले | अब इन पांचो द्रव्यों को इमामदस्ते में कूट कर बारीक़ चूर्ण बना ले | इस प्रकार से आपका ब्राह्मी चूर्ण बन जावेगा | अब इस चूर्ण में 10 ग्राम देशी खांड मिलकर किसी AirTight डब्बे में रख लेवे | ध्यान दे पांचो द्रव्यों की मात्रा बराबर हो |
 
बाजार में यह बना बनाया मिलता है | आप किसी भी आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर से ब्राह्मी चूर्ण पतंजलि, बैद्यनाथ, डाबर, arber आदि कंपनियों का खरीद सकते है | गुणवत्ता के लिए विश्वनीय आयुर्वेदिक फार्मेसी का ही प्रोडक्ट खरीदना चाहिए |

मात्रा और सेवन विधि :- ब्राह्मी चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में गाय या बकरी के दूध के साथ सेवन करना चाहिए |

 

ब्राहमी चूर्ण के फायदे  ⇒

 
मिर्गी के दौरे    (Epilepsy Disease) :- मिर्गी के दौरे पड़ने पर रोगी को दिन में 3 बार ब्राह्मी चूर्ण को गाय के दूध के साथ देवे | इससे रोग में चमत्कारिक लाभ मिलता है |
 
बच्चो में एकाग्रता   ( Increase Concentration) :- बच्चो में एकाग्रता की कमी होने से वे पढाई में सही तरह से ध्यान नहीं लगा सकते | ब्राह्मी चूर्ण को 3 ग्राम की मात्रा में गाय के दूध के साथ अगर बच्चो को नियमित दिया जावे तो उनकी स्मरण शक्ति बढ़ती है और मन एकाग्र होकर पढाई में रूचि जागृत होती है |
 
ह्रदय रोग   ( Heart Disease ) :- ब्राह्मी में Brahmin Alkaloid तत्व मौजूद होने के कारण यह हृदय के लिए भी अमृत समान लाभकारी है | Brahmin Alkaloid हृदय के लिए फायदेमंद होता है | अगर नियमित रूप से ब्राह्मी चूर्ण का उपयोग किया जावे तो हृदय घात जैसी समस्याओ से छुटकारा मिल जाता है |
 
कब्ज    ( Constipation )  :-  ब्राह्मी चूर्ण कब्ज के लिये भी फायदे मंद होती है | अगर आपको कब्ज की समस्या है तो आप रोज रात को – 5 ग्राम ब्राह्मी चूर्ण हलके गरम पानी के साथ सोने से पहले उपयोग करे |
नियमित सेवन से कब्ज की बीमारी से छुटकारा मिल जायेगा |
 
अनिद्रा   ( Insomnia Disease ) :-   ब्राह्मी में कई रक्त्सोधक गुण मौजूद होते है जो रक्त को शोधित कर के मनुष्य के मस्तिष्क को तनाव मुक्त करते है | इसलिए रोज रात को सोने से पहले ब्राह्मी चूर्ण का उपयोग किया जावे तो मानसिक तनाव से छुटकारा मिलेगा और नींद अच्छी  आवेगी |
 
घबराहट  :- अगर आपको घबराहट की समस्या है तो निश्चित ही आपको ब्राह्मी चूर्ण का सेवन करना चाहिए | क्यों की ब्राह्मी में मौजूद तत्व घबराहट की समस्या को ठीक करने में कारगर साबित होते है |
 
उच्च रक्तचाप ( High Blood Presser ) :- ब्राह्मी में मौजूद रक्त शोधक गुण रक्तचाप को संतुलित करते है | अगर कोई व्यक्ति उच्च रक्तचाप से पीड़ित है तो उसे ब्राह्मी पौधे की 5 – 7  ताजा पतियों का रस निकाल कर शहद के साथ नियमित 15 दिनो तक रोज सवेरे उपयोग करना चाहिए | इससे उच्च रक्तचाप कि समस्या से निजात मिलता है
 
इसके अलावा ब्राह्मी चूर्ण के सेवन से पागलपन , भ्रम , मिर्गी आदि मानसिक विकारो में लाभ मिलता है | साथ ही आँखों की जलन , हाथ – पैर की जलन आदि में भी लाभ होता है |
 

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