अगर आपको अजीर्ण ( अपच ) की समस्या है ! तो यह आपको जरुर पढना चाहिए

अजीर्ण 

भोजन का ठीक प्रकार से न पचना अजीर्ण कहलाता है | ज्यादा भोजन करने और गरिष्ट भोजन करने से खाना समय पर पच नहीं पाता और अजीर्ण हो जाता है | अजीर्ण का मतलब है की पहले का खाना पचने से पहले ही दुबारा भोजन कर लेना | पहले का अजीर्ण भोजन पेट में सड़ने लगता है और गैस की समस्या हो जाती है | गैस पेट से बाहर आने की कोशिस करती है लेकिन बाहर नहीं निकल पाती जिससे पेट में दर्द शुरू हो जाता है इसे ही आम भाषा में आफरा कहते है | 
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अजीर्ण एक एसी दशा है जिसके कारण अन्य रोग मनुष्य को घेर लेते है | अगर यह व्याधि कई दिनों तक लगातार बनी रहे तो शरीर में खून की कमी हो जाती है अर्थात खून बनना बंद हो जाता है | इसलिए इस रोग को साधारण नहीं समझना चाहिए | अजीर्ण की सबसे बड़ी दिक्कत है की यह पुराना पड़ते ही रोगी को कमजोर बना देता है 
 

कारण 

यह रोग गरिष्ट एवं सामर्थ्य से अधिक खाना खाने से होता है | बिना चबाए भोजन जल्दी -जल्दी निगल जाने, चाय, शराब अधिक मात्रा सेवन करने से, शारीरिक और मानसिक परिश्रम अधिक करने से भी या बिलकुल नहीं करने से अजीर्ण हो जाता है | जो लोग अधिक खटाई , तेल, आचार, मिर्च- मसाले अधिक खाते है उनको यह रोग जल्दी जकड़ता है |
 

पहचान 

 
इस रोग में भूख नहीं लगती | भोजन हजम नहीं होता |पेट में आफरा आ जाता है | जी मचलता है और कब्ज की समस्या हो जाती है | पेट में हमेशा हल्का – हल्का दर्द रहता है | इस रोग की सबसे बड़ी पहचान है कि इसमे भोजन पचता नहीं है इसलिए रोगी को भूख नहीं लगती और खट्टी- खट्टी डकारे , जी मचलना और मुंह की साँस से दुर्गंद आने लगती है |
 

उपचार 

अजीर्ण रोग में सबसे कारगर औषधि है हिंग्वाष्टक ! रोगी को रोज सुबह – शाम 5 ग्राम हिंग्वाष्टक चूर्ण गरम पानी के साथ लेना चाहिए | क्योकि हिंग्वाष्टक चूर्ण में हिंग होती है जो पाचक औषधि है और हिंग का काम ही न पचे हुए को पचाना है | इसके साथ-साथ हिंग्वाष्टक चूर्ण गैस की समस्या में भी अमृत समान फल देता है |
 

कुछ अचूक घरेलु नुस्खे 

  • आधा चम्मच कच्चे पपीते का दूध जरा सी चीनी के साथ लेना फायदेमंद होता है |
  • देशी कपूर 10 ग्राम , अजवायन 10 ग्राम, तथा पुदीना 10 ग्राम –  तीनो को पीसकर चटनी बना ले | इसमे से 1 चम्मच चटनी दोनों वक्त भोजन के बाद सेवन करे |
  • दो कालिया लहसुन , एक टुकड़ा अदरक , थोडा सा हरा धनिया, कालीमिर्च 3 ग्राम, जीरा 5 ग्राम और नमक 3 ग्राम – सबको पीसकर चटनी बना ले | इस चटनी का प्रयोग भोजन के साथ करे |
  • 10 ग्राम जीरा, 5 ग्राम कालीमिर्च, 5 ग्राम सौंठ का चूर्ण तथा 3 ग्राम सेन्धा नमक – इन सब को पीसकर चूर्ण बना ले | भोजन के पश्चात एक चम्मच चूर्ण कुछ दिनों तक सेवन करे | अपच की सिकायत जाती रहेगी |
  • प्याज के रस में थोडा – सा सेंधा नमक मिलकर पिने से भी अपच की समस्या चली जाती है |
  • मुली की सीजन में – कची मुली पर सेंधा नमक , पीसी हुई काली मिर्च और अजवायन का चूर्ण लगा कर भोजन के बाद चबा – चबा कर खाए | भोजन अच्छी तरह पचे गा |
  • टमाटर भी अच्छा पाचक होता है अगर टमाटर पर सेंधा नमक और काली मिर्च लगा कर खाया जावे तो अपच की सिकायत नहीं होती |
  • हमेशा भोजन के साथ प्याज खाना शुरू कर दे | प्याज पर सेंध नमक और निम्बू का रस निचोड़ कर खाए | अपच की समस्या नहीं होगी |
इसके अलावा हमेशा भोजन भूख से कुछ कम ही ग्रहण करे | अधिक और अचानक से गरिष्ट भोजन करने से ही अपच होती है | इसलिए भोजन हमेशा चबा चबा कर खाए और भोजन में पाचक द्रव्यों को शामिल करे | गरिष्ट और अधिक मिर्च मसाले वाले भोजन से परहेज करे |

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