◄ स्वप्नदोष ►
स्वप्नदोष :- पुरुष द्वारा नींद में वासनात्मक स्वप्न देखने अथवा कामुक भावना के कारण अनायास ही वीर्य का निकलना स्वप्न दोष कहलाता है | स्वप्नदोष कोई रोग न होकर एक दैहिक क्रिया मात्र है जिसके अन्तरगत एक पुरुष को नींद के दोरान वीर्य स्खलित हो जाता है | अगर महीने में यह 1 या 2 बार हो तो यह स्वाभाविक है और यह कहा जा सकता है की यह कोई रोग नहीं है | किन्तु अगर इससे ज्यादा बार अगर वीर्य अनायास ही निकल रहा है तो यह धातु दुर्बलता और वीर्य क्षीणता का कारण बनता है | इसके कारण व्यक्ति को शारीरिक कमजोरी हो जाती है एवं व्यक्ति मानसिक तोर पर भी परेशां रहता है |
स्वप्नदोष के कारण
↞ स्वप्नदोष के प्राकृतिक उपचार ↠
- सूखे आंवले ( गुठली अलग किये हुए ) 500 ग्राम ले लेवे | अब इनको इमाम दस्ते में कूट छानकर चूर्ण बना ले | आंवले का चूर्ण बाजार से भी ले सकते है लेकिन घर पर तैयार किया हुआ चूर्ण बेहतर रहता है क्यों की इसमे वीर्य की भरपूरता रहती है जिसके कारण यह दुगना फायदा देता है | अब इस चूर्ण को मिश्री के साथ मिलाकर एक शीशी में भर ले – रोज रात में 5 ग्राम चूर्ण दूध के साथ सोते समय सेवन करे एवं लगातार 2 महीने तक इसका सेवन करे | निश्चित ही आपकी स्वप्नदोष की समस्या से आपको निजात मिल जावेगा |
- गोखरू , गिलोय और सूखे आंवले – सभी को 5 – 5 ग्राम लेकर चूर्ण बना लेवे . इस चूर्ण का प्रयोग देसी गाय के घी के साथ 3 ग्राम की मात्र में करे | यह प्रयोग निरंतर 3 सप्ताह तक करे | स्वप्नदोष को जड़ से मिटा देगा |
- शतावरी के 5 ग्राम चूर्ण को गाय के देशी घी में एक महीने तक खाए | इससे भी स्वप्नदोष की समस्या से छुटकारा मिलता है |
- शतावरी, अश्वगंधा, गोखरू एवं आंवले के चूर्ण को समान भाग लेकर उसे ग्वारपाठे की भावना देकर सूखा लें | अब तैयार चूर्ण को किसी कांच की शीशी में रख लें | नित्य रात्रि में सोने से पहले ३ ग्राम की मात्रा में पानी के साथ सेवन करें | निश्चित ही स्वप्नदोष की सबसे अच्छी दवा साबित होगी |
- नित्य सुबह आंवले का मुरब्बा खावे |
- रोज दो केले आधा किलो दूध के साथ खावे . इससे भी स्वप्नदोष में लाभ मिलता है
- जामुन की गुठलियों को इक्कठा करले और इनका चूर्ण बना ले | अब रोज 5 ग्राम चूर्ण का सेवन सुबह – शाम करे |
- 5 ग्राम चोपचीनी का चूर्ण देशी घी के साथ सुबह – शाम सेवन करे |
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