थायरोइड रोग क्या है ? जाने इसके कारण, लक्षण, उपचार एवं टेस्ट डिटेल्स

हमारे देश में मधुमेह की तरह आज भी थायरोइड एक समस्या बना हुआ है | अगर आपको लम्बे समय से थकान एवं चिडचिडापन बना हुआ है तो शायद ये थायरोइड के शुरूआती लक्षण हो सकते है | थायरोइड की समस्या शरीर में थायरोइड ग्रंथि के द्वारा स्रावित करने वाले हार्मोन के असंतुलन के कारण होती है | 

थायरोइड

थायरोइड रोग क्या है – थायरोइड ग्रंथि गर्दन में स्थित रहती और दो खंडो से बनी हुई होती है | यह ग्रंथि थैरोक्सिन नामक हार्मोन का निर्माण करती है | यह हार्मोन शरीर के चयापचय का सञ्चालन करने का काम करता है एवं शरीर में उर्जा का स्तर बना रहता है | साथ ही यह ग्रंथि दिल की धड़कन, याददास्त, पाचन एवं हड्डियों के लिए कैल्शियम के नियंत्रण का कार्य भी करती है | शरीर में इस हार्मोन का असंतुलन होना ही थायरोइड रोग कहलाता है |सबसे ख़ास बात यह है कि यह असंतुलन बहुत ही धीमी गति से होता है जिसका पता शुरूआती अवस्था में नहीं चलता | डॉ के द्वारा थायरोइड टेस्ट करने पर ही रोग का पता लगाया जा सकता है | 


थायरोइड के क्या कारण हो सकते है ?

पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में इस रोग के होने की सम्भावना अधिक होती है | अत्यधिक आयोडीन का सेवन या कमी , ग्रव्स की समस्या, दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव, सोया प्रोटीन का अधिक सेवन, आनुवांशिक इतिहास, गर्भावस्था, मेनोपोज आदि एसे कारण है जो थायरोइड की समस्या के जनक बन सकते है | इनके अलावा थायरोइड में कोई फोड़ा होना, तनाव एवं रेडिओ थेरेपी आदि भी थायरोइड के कारण हो सकते है | 

ये हो सकते है थायरोइड के लक्षण 

अगर थकावट और चिडचिडेपन के अलावा वजन असामान्य रूप से बढ़ रहा है , धिक् नींद आने लगी है , कब्ज की समस्या , हाथ पैरों में सुजन है, मांशपेशियों में बार – बार खिंचाव हो रहें है, मासिक धर्म से सम्बंधित समस्याएँ हो रही है या खून की कमी है या कोलेस्ट्रोल बढ़ गया है तो यह हायपरथाय्रोदिज्म के लक्षण है | जरुरी नहीं के ये सारे लक्षण ही रोगी में दिखाई दें इनमे से कुच्छ लक्षण के होने पर भी थायरोइड की समस्या हो सकती है |

  • अधिक भूख लगना | 
  • अचानक से वजन का बढ़ना |
  • मांशपेशियों में क्रेम्प्स बढ़ना | 
  • बालों का अचानक से झाड़ना शुरू होना | 
  • अनिद्रा या अधिक नींद का आना|
  • घबराहट होना | 
  • मासिक धर्म की समस्या | 
  • हाथ – पैरों में सुजन | 

थायरोइड टेस्ट क्या है एवं कैसे किया जाता है ?

यह टेस्ट बेहद सस्ता, आसान एवं सुरक्षित है | थायरोइड का टेस्ट टी3, टी4 (T3, T4) एवं TSH नाम के रक्त परिक्षण से होता है | कभी – कभार डॉ ‘एंटी टी पि ओ (Anti TPO) जांच भी लिख देते है | यह एक एडवांस जांच होती है जो चिकित्सक रोगी के आधार पर तय करते है | 

कोलेस्ट्रोल, मधुमेह, TRH आदि की जांचे भी चिकित्सक करवा सकता है | लेकिन यह रोगी की स्थिति पर निर्भर करती है , सभी के लिए आवश्यक नहीं है | 

थायरोइड के आसन उपचार या इलाज 

इस रोग को नियंत्रण में रखने के लिए आयोडीन युक्त भोजन का विकल्प चुनना चाहिए | हाईपोथायरोडिज्म पर लम्बे समय तक ध्यान न दे पाने के कारण कोलेस्ट्रोल का लेवल बढ़ सकता है जिससे हृदय की बिमारियों क खतरा रहता है | इसके लिए आहार में ओमेगा 3 फैटी एसिड का विशेष स्थान रखना चाहिए | मॉडर्न चिकित्सा में इस रोग की चिकित्सा के लिए सिंथेटिक थायरो हार्मोन को जिंदगी भर देना पड़ता है | 

इसके लिए थाय्रोनोम एवं Eltroxin नामक सस्ती दवाएं उपलब्ध है | थायरोइड होने पर रोज एक गोली खानी चाहिए | यह जिंदगी भर लेनी पड़ती है | लेकिन अधिकतर रोगी रोग के लक्षण ठीक होते ही दवा का सेवन बंद कर देते है जो भविष्य में फिर से इससे ग्रषित होने के खतरे से झुझते रहते है | दवा बंद करने से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेना चाहिए | 

धन्यवाद | 

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