आंवला – एक अमृतफल , आयुर्वेद का रसायन |

आंवला – एक अमृत फल

आंवला को धात्री फल भी कहते है | यह बहुत ही पोष्टिक और गुणकारी है आयुर्वेदिक चिकित्सा में इसे ज्यादातर रोगों में काम में लिया जाता है | इसमे पांचो रसों का समावेश होता है इसलिए ये त्रिदोष समक होता है | आंवले का सेवन वात, पित, कफ तीनो को संतुलित करता है |

आंवला

इसमें संतरे से 20 गुना ज्यादा vitamin ‘C’ होता है | यह खट्टा होने के कारण वात को , मधुर और शीतल होने के कारण – पित को और रुखा एवं कैसेला होने के कारण – कफ को दूर करता है | इसलिए यह त्रिदोष शामक होता है |

आयुर्वेद में इसे अमृत फल माना है |अगर जीवन भर नित दो आंवलो का सेवन किया जाए तो उम्र बढ़ती है और रोगों से बचा जा सकता है | आंवले में भरपूर मात्रा में एंटी ओक्सिडेंट मिलता है | इसके अलावा इसमें – पोटेशियम , फाइबर , प्रोटीन्स , कार्बोहायद्रेड , मग्निसियम , आयरन , विटामिन ‘a’ , बी काम्प्लेक्स और प्रचुर मात्रा में vitamin ‘c’ मिलता है | आंवले के बारे में जितना कहा जाए उतना कम है | यह हजारो रोगों की एक दवा है | इसका सेवन सदियों से चला आ रहा है |

आंवला ही एसा फल है जो सुखा हो या कच्चा , पक्का हुआ हो या पकाया हुआ , चूर्ण हो या सुपारीरूप में – चाहे किसी भी रूप में हो इसके गुण-धर्मो में कोई परिवर्तन नहीं आता | यह पक्का हुआ भी वही लाभ देगा जो कच्चा देता है | स्वस्थ हो या अस्वस्थ – आंवले का सेवन आप को हर तरफ से लाभ ही देगा | इसके नित सेवन से आप बहुत से रोगों से बच सकते है |

आंवला के औषधीय उपयोग / फायदे / लाभ

  • रोग प्रतिरोधक गुणों से युक्त आंवला  – आंवले में एंटी ओक्शिदेंत तत्व मौजूद होता है जो इसे रोगप्रतिरोधक क्षमता देता है | जो लोग इसका सेवन करते है उनको संक्रमण या मौसम के बदलते समय होने वाली बिमारिय नहीं घेरती |
  • विषाक्त पदार्थो – आंवले में फाइबर और एंटी ओक्सिडेंट गुण होता है जो हमारे शरीर में इकट्ठे हुए विषाक्त पदार्थो को शरीर से बाहर निकालता है |
  • स्वरभेद – गले की खराबी होने पर आधा चम्मच आंवले के चूर्ण को गाय के दूध या शहद के साथ लेने से गले की खराबी , आवाज बैठना आदि से छुटकारा मिलता है |
  • मधुमेह – आंवला मधुमेह में उपयोगी होता है | यह इन्सुलिन हरमोंन को ठीक करता है और खून में शुगर की मात्रा को ठीक करता है | यह ख़राब कोलेस्ट्रोल को खत्म कर अच्छे कोलेस्ट्रोल को बनाता है | जिससे मधुमेह में आराम मिलता है | आंवला के रस को हल्दी के साथ लेने से मधुमेह ठीक होजाता है |
  • पाचन शक्ति में आंवला के लाभ  –  पाचन शक्ति की खराबी के कारण होने वाले रोग जैसे – गैस , कब्ज , बदहजमी , अग्निमंध्य आदि में अगर आंवले का किसी भी रूप में सेवन किया जाए तो पाचन शक्ति दुर्रस्त होकर ये रोग ठीक होजाते है | इसके लिए रोज रात को सोते समय 5 ग्राम आंवला के चूर्ण को गरम पानी के साथ सेवन करे लाभ होगा |
  • खांसी या श्वास रोग – आंवले को कुचल कर उसका रस निकल ले अब इस रस में 3 ग्राम छोटी पीपल का चूर्ण मिलाए | अब इस को दो चम्मच शहद के साथ सेवन करे | आराम मिलेगा |
  • वर्द्धावस्था – यदि वर्द्धावस्था में आंवले के चूर्ण या आंवला रसायन का सेवन किया जावे तो उम्र में बढ़ोतरी होती है और बढती उम्र रुक सी जाती है |
  • पौरुष शक्ति – जिन पुरुषो में शुक्राणु की कमी होती है उनको आंवले के सेवन से शुक्रनुओ की बढ़ोतरी में सहायता मिलती है | इसके अलावा जिन महिलो को कम अंडाणु बनते है या माहवारी समय से नहीं आती उनको भी इसका सेवन करना चाहिए |
  • हड्डियों के लिए – आंवले के सेवन से हड्डिय मजबूत बनती और आर्थराइटिस के सही होने में लाभ मिलता है |
  • खालित्य – जिनके बाल झड रहे हो उनको आंवले के चूर्ण का सेवन शुरू करना चाहिए |
  • पालित्य में आंवला

    जिनके बाल सफ़ेद हो रहे हो उनको आंवले का उपयोग करना चाहिए | इसके लिए कच्चे या सूखे आंवलो को रात के समय लोहे के डिब्बे में भिगो कर सुबह उस पानी से बालो को धोना चाहिए | लोहे के डिब्बे में आंवलो को भिगो देने से उसका पानी काला हो जायेगा | फिर उस पानी से बालो को धोले | धीरे – धीरे बाल काले होने शुरू हो जावांगे |

  • तनाव – अगर आप आंवले का सेवन करते है तो आपको तनाव की समस्या से नहीं झुजना पड़ेगा |

धन्यवाद |

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